किशनगंज /विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में नदियों के जलस्तर में कमी आने से घरों का कटाव एवं उपजाऊ भूमि नदियों के गर्भ में तेजी से समा रहा जिससे क्षेत्र के लोग इस आसमानी आफत से बचने के लिए दर दर भटकने को मजबूर हैं। बताते चलें कि टेढ़ागाछ प्रखंड होकर बहने वाली कनकई,रेतुआ व गोरीया नदी से हर वर्ष सैकड़ों परिवार के घर एवं हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि नदी के गर्भ में विलीन हो जाता है।पर आज तक जल निस्सरण विभाग और आपदा विभाग के तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
ज़िला परिषद सदस्या खोशी देवी ने बताया कि कनकई नदी के कटाव से मटियारी,डाकपोखर, एवं कालपीर पंचायत के भेलागोढ़ी,बीबीगंज,माली टोला,बाभनटोली, कुर्राटोली, सुन्दर बाड़ी, गर्राटोली, हरहरिया,सिरनियां, निरनियां, बलुआ डांगी, वहीं रेतुआ नदी के कटाव से फुलवरिया, लोधाबाड़ी,डोरिया, धापरटोला, हाथीलदा,सुहिया,हवाकोल, कोठी टोला,आदिवासी टोला देवरी, दर्जनटोला,खजूरबाड़ी आदि दर्जनों गांव बाढ़ व कटाव से प्रभावित हैं।
अगर समय रहते इन गांवों को कटाव से नहीं बचाया गया तो इन गांवों का वजूद मिट जाएगा। इसको लेकर जिला परिषद सदस्या ने बाढ़ व कटाव प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर ग्रामीणों का हाल चाल जाना और पुछ ताछ किऐ। ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि मैं इस संबंध में जिलाधिकारी और जल निस्सरण विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर जल्द समस्या के ठोस निदान के लिए प्रयास करुंगी।





























