मोदी सरकार भारतीय सेनाओं की गरिमा -परंपरा- अनुशासन की परिपाटी से खिलवाड़ कर रही है -यूथ कांग्रेस

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

अररिया /अरुण कुमार

बुधवार को अररिया यूथ कांग्रेस के द्वारा यूथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष करण कुमार पप्पू के निज निवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई । प्रेस वार्ता में करण कुमार पप्पू ने बताया कि मोदी सरकार भारतीय सेनाओं की गरिमा -परंपरा- अनुशासन की परिपाटी से खिलवाड़ कर रही है । सेनाओं में रेगुलर भर्ती रोक कर 4 साल के ठेके पर फौज भर्ती देश की सुरक्षा के लिए सुखद संदेश नहीं है!

कांग्रेस नेताओ ने कहा की 4 साल की नौकरी के बाद भर्ती हुए युवाओं के भविष्य का क्या होगा ! आज मोदी मंत्रिमंडल ने देश की तीनों सेनाओं में 4 साल की सेना भर्ती की घोषणा की वह अपने चिर -परिचित अंदाज में इसकी पैकेजिंग करते हुए 4 साल की “कांटेक्ट फौज भर्ती “को “अग्निवीर “बताया !

कांग्रेस नेता ने कहा की सैन्य अधिकारियों, रक्षा विशेषज्ञ व सुरक्षा क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट ने आनन-फानन में लिए इस निर्णय को लेकर कई गहन चिंता जताई है, जिनका जवाब आगे आकर प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को देना चाहिए ।

कांग्रेस नेता पप्पू ने कहा की भारत की तीनों सेनाओं की एक विशेष गरिमा ,इतिहास, चरित्र व अनुशासन की परिपाटी है ! सेना में सबसे बड़ा एसेट सैनिक है ,जो ‘यूनिट’ के जुड़ाव के आधार पर लड़ता है और देश की रक्षा करता है सैनिक के बलिदान की भावना जी से’ नाम’ ‘नमक ‘व ‘निशान ‘से जाना जाता है, वह सालों के जुड़ाव से पैदा होता है ! एक अनुशासित कमान में हर कुर्बानी देने वाली फौज के लिए परंपराओं का यह जुड़ाव उन्हें एक परिवार बनाता है, तथा उस मार्ग पर चलकर व देश के लिए सर्वोच्च कुर्बानी करने को सदैव तत्पर रहते हैं !क्या 4 साल के कांटेक्ट भर्ती के सैनिक इस परंपरा, परिपाटी ,जुड़ाव व अनुशासन की भावना अपना पाएंगे ?क्या इतने थोड़े समय में या संभव हो पाएगा?

वही उन्होंने कहा जब दो पड़ोसी मुल्कों के साथ हमारे बॉर्डर एक्टिव है एक तरफ पाकिस्तान की सीमा और दूसरी तरफ चीन की सीमा तो ऐसे में रेगुलर भर्ती पर पाबंदी लगाकर क्या 4 साल की कांटेक्ट भर्ती करना देश हित में है ?

श्री पप्पू ने कहा की नौसेना व वायु सेना के ज्यादातर पद टेक्निकल है व उन्हें एक स्पेशलिस्ट काडर की जरूरत है ! इस स्पेशलिस्ट काडर में ट्रेनिंग की अवधि ही 1.5 से 2 साल है तथा कुछ समय एडवांस इक्विपमेंट को जानने व समझने में भी लगता है ! ऐसे में ट्रेनिंग कैसे देंगे और 4 साल बाद इन ट्रेन किए गए लोगों को छोड़ेंगे कैसे ? इसी प्रकार से थल सेना की आमड, आर्टिलरी, टैंक ,गन ,इंजीनियरिंग इक्विपमेंट मिसाइल यूनिट आदि ब्रांच में भी टेक्निकल स्पेशलिस्ट व व्यापक तजुर्बे की आवश्यकता है !3 महीने में ट्रेन किए गए व कुल 4 साल के कांटेक्ट पर लगाए सैनिक किस प्रकार से थल सेना की इस जरूरत को पूरा कर पाएंगे?इस प्रेस वार्ता में यूथ कांग्रेस जिला महासचिव इंजीनियर सावन सागर ,फारबिसगंज नगर कांग्रेस अध्यक्ष अमितेश कुमार गुड्डू ,अमन रजा, मोहम्मद लाडला मौजूद थे !

मोदी सरकार भारतीय सेनाओं की गरिमा -परंपरा- अनुशासन की परिपाटी से खिलवाड़ कर रही है -यूथ कांग्रेस