राजेश दुबे
बिहार चुनाव के तारीखों कि घोषणा हो चुकी है और आज से सूबे में आदर्श आचार संहिता लागू किया जा चुका है ।मालूम हो कि तीन चरणों में विधान सभा का चुनाव संपन्न होगा और 10 नवम्बर को मतगणना होगा ।इस बार दशहरा और दीपावली के बीच चुनाव संपन्न करवाए जाएंगे। हालाकि पूर्व में महागठबंधन से जुड़े राजनैतिक दलों ने चुनाव करवाने को लेकर सवाल खड़े करते हुए इस समय चुनाव नहीं करवाने पर बल दिया था ।
लेकिन तारीखों कि घोषणा के बाद तेजस्वी यादव सहित अन्य नेताओं ने तारीखों का स्वागत किया है और एक दूसरे को पटखनी देने के दावे किए जा रहे है । बिहार की जनता इस बार दीपावली में किसका घर रौशन करेगी और किसके घर में अंधेरा छाएगा इसे लेकर असमंजस कि स्थिति बनी हुई है ।
2015 के विधान सभा चुनाव में जहा नीतीश कुमार ,लालू प्रसाद यादव साथ साथ थे वहीं इस बार स्थिति अलग है ।इस बार नीतीश कुमार बीजेपी के साथ है वहीं जीतन राम मांझी भी एनडीए खेमे में ही है । जबकि रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा जो की अभी तक तो महागठबंधन में है । लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि वो भी अपने पुराने घर वापस ना लौट जाए ,मालूम हो कि 2015 में रालोसपा एनडीए का हिस्सा थी ।
वहीं लोजपा के चिराग पासवान जदयू से नाराज़ चल रहे है और हो सकता है कि 143 सीटों पर वो उम्मीदवारों की घोषणा कर दे और जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतार दे ऐसे में जदयू को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है । इस चुनाव में कुछ छोटे दल जैसे Plurals की पुष्पम प्रिया चौधरी और जनाधिकार पार्टी के पप्पू यादव भी वोट काटेंगे इसमें कोई दो राय नहीं है ।मालूम हो कि बिहार में 243 विधान सभा सीट है और ABP न्यूज के ओपिनियन पोल के मुताबिक NDA गठबंधन को 141 से 161 सीट दिए गए है । हालाकि ओपिनियन पोल के मुताबिक 45% लोगो ने मुख्य मंत्री के तौर पर नीतीश कुमार के काम काज को खराब माना है ।
वहीं सर्वे में आरजेडी गठबंधन को 64-84 सीट दिए गए है ।लेकिन सवाल उठता है कि अगर 45% लोग सर्वे में नीतीश कुमार के प्रदर्शन को खराब मानते है तो फिर इतने सीट कैसे मिलेंगे ।अब जनता जनार्दन क्या फैसला लेती है यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन एनडीए और महागठबंधन दोनों के अपने अपने दावे है इन सबके बीच एक बात साफ है कि एनडीए जहा मुख्य मंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है वहीं महागठबंधन में अभी भी सीएम उम्मीदवार को लेकर कन्फ्यूजन है जिसका लाभ नीतीश कुमार को मिल सकता है ।अब दीपावली से पहले लालू जी का लालटेन जलता है या फिर नीतीश कुमार का बम फटता है यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा ।