अररिया /बिपुल विश्वास
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है. बुधवार को खरना होगा. गुरुवार को भगवान भास्कर को सायंकालीन व शुक्रवार को प्रात:कालीन अर्घ्य दिए जाएंगे. व्रती विभिन्न नदियों व तालाबों के घाटों पर भगवान भास्कर को अर्ध्य प्रदान करेंगी. व्रतियों ने जगह-जगह अपने घरों के बाहर तथा छतों पर भी छठ व्रत करने की तैयारी की है.
मंगलवार को श्रद्धालुओं ने कद्दू भात खा कर व्रत की शुरुआत की. संधा नमक मैं खाना बना कर ग्रहण किया गया. शुद्धता के साथ व्रती गेहूं सुखाने का कार्य किया. बुधवार को इसी से बने आटा से खरना का प्रसाद बनाया जाएगा. पंडितों के अनुसार चार दिवसीय अनुष्ठान में ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बन रहा है.
छठ व्रत करने वालों पर भगवान सूर्य व षष्ठी माता की कृपा बनी रहती है.मान्यता है कि नहाय-खाए से लेकर पारण तक व्रती पर भगवान सूर्य अपना आशीष प्रदान करते हैं. श्रद्धा पूर्वक व्रत करने वाले व्रती का आशीष लेने के लिए अपने व्यवहार और आचरण को शुद्ध बनाए रखने की जरूरत है.स्कंद पुराण के हवाले से कहा कि सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्य प्राप्ति के साथ सौभाग्य एवं संतान की कुशलता के लिए रखा जाता है. फारबिसगंज नगर परिषद की मुख्य पार्षद वीणा देवी, बीजेपी महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष चांदनी सिंह समेत कई महिला श्रद्धालु द्वारा गेहूं सुखाने का कार्य किया गया.