किशनगंज/ प्रतिनिधि
महानन्दा बेसिन परियोजना के अन्तर्गत महानन्दा बेसिन फेज -02 के तेहत नागर, महानन्दा एवं रतवा नदी के दोनों ओर 199.5 किलोमीटर तटबंध/बांध का निर्माण किया जाना है।जिसका टेंडर भी हो चुका है और बांध निर्माण हेतु भू-अर्जन की कारवाई की जा रही है। परन्तु बांध के एलाइनमेंट को लेकर स्थानीय लोगों में नाराज़गी है।
क्योंकि कहीं पर बांध का एलाइनमेंट नदी से दो किलोमीटर दूर है तो कहीं एलाइनमेंट 20 मीटर दूर है जिस कारण बहुत सारे गांवों बांध के एलाइनमेंट के अन्दर आ जाते हैं। ऐसे में बाढ़ के समय उक्त गांवों के जलमग्न होने का खतरा है। ग्रामीण इसी को लेकर विरोध कर रहे हैं।
उक्त समस्या के समाधान हेतु जदयू जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधायक कोचाधामन मुजाहिद आलम ने मंत्री जल संसाधन विभाग विजय कुमार चौधरी जी से उनके कार्यालय में भेंटकर मांग पत्र सौंपा है।
मंत्री ने बताया कि उक्त समस्या के समाधान हेतु जल्द ही Chief Engineer Monitoring एवं Engineer in Chief Flood के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय तकनीकी टीम स्थल निरीक्षण कर उक्त समस्या के समाधान हेतु अपनी राय देगा। तदोपरांत विभाग ग्रामीणों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करेगी। महानन्दा बेसिन परियोजना ही सीमांचल में नदी कटाव एवं बाढ़ से बचाव का स्थायी समाधान है।
कुल पांच फेज में ये काम पूरा होना है।फेज -01 का काम पूरा हो चुका है और फेज -02 का टेंडर हो चुका है।इसके अतिरिक्त पूर्व विधायक कोचाधामन मुजाहिद आलम ने मंत्री जल संसाधन विभाग विजय कुमार चौधरी जी से मधुबनी जिले के अररिया संग्राम में निर्मित ‘मिथिला हाट ‘ के तर्ज पर किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड में शीतल नगर झील या डेरामारी झील को सुरजापुरी हाट के तर्ज पर विकसित करने की मांग की है।ताकि किशनगंज जिले में टूरिज्म को बढ़ावा मिले। मंत्री ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।






























