स्वच्छता अभियान कागजों में सिमटा ,ग्रामीणों में आक्रोश

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किशनगंज /पोठिया/इरफान

सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वच्छता अभियान पोठिया में पूर्ण रूप से विफल दिख रही है।बताते चलें कि पोठिया प्रखंड मे कुल 22 पंचायत है,जिनका मुख्य बाजार बुधरा पंचायत स्थित पोठिया बाजार है।इसके बावजूद इस बाजार में गंदगी का अंबार है,ओर इस ओर ना ही प्रशाशन का ध्यान है,ओर ना ही जनप्रतिनिधियों का।बताते चलें कि पोठिया बाजार पोठिया प्रखंड मुख्यालय,अंचल कार्यालय,पोठिया थाना,स्वास्थ्य केंद्र से बिल्कुल सटी हुई।इन कार्यालयों में प्रखंड स्तर के सबसे बड़े अधिकारी बैठते हैं।

इसके बावजूद पोठिया बाजार में गंदगी का अंबार काफी जगह लगा हुआ।प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के इस और ध्यान नही देने से परेशान,स्थानीय ग्रामीण व दुकानदार मजबूरन बाजार में चंदा कर इस गंदगी को सफाई करवाते हैं।इसी कड़ी के तहत पोठिया मुख्य बाजार में जमे कचड़ा को पोठिया बाजार के लोगों ने चंदा कर जेसीबी व ट्रेक्टर के माध्यम से साफ करवाया।बताते चलें की प्रखंड कार्यालय के बाउंड्री के दीवारों पर ओडीएफ घोषित पंचायत लिखा हुआ है।परंतु जमीनी हकीकत क्या है,इस बात की गवाही बाजार की गंदगी दे रही है।स्थानीय लोगों ने बताया की स्वच्छ भारत अभियान सरकार का काबिले तारीफ प्रयास है। मगर इस अभियान की हकीकत देखकर दुख होता है।अभियान की जहां से शुरूआत हुई थी,सफाई व्यवस्था वहीं की वहीं है।लोगों ने कहा कि स्वच्छता की अपील करते हुए पोस्टर,बैनर और दीवारों पर स्लोगन जरूर देखने को मिलते हैं।इससे ज्यादा कुछ नहीं बदला।

गलियों में वही कूड़े के ढेर और उनमें मुंह मारते पशु पहले भी दिखते थे और अब भी दिखते हैं।अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार प्रशासन पर दवाब बनाती है।इसके बाद अधिकारी व जनप्रतिनिधि हाथ में झाड़ू लेकर फोटो खिंचवाते नजर आते हैं।सिलसिला इससे आगे बढ़ता ही नहीं।जब पूछते हैं कि सुधार क्यों नहीं हो रहा,तो अधिकारी जवाब देते हैं कि कोशिश चल रही है,तो वहीं जनप्रतिनिधि चुनाव के बाद कहते दिखतें हैं कि इस काम के लिए कोई फंड ही प्राप्त नही है।

सबसे ज्यादा पड़ गई