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आखिरकार क्यों नहीं बैठे रहे पंचायत सरकार भवन में कर्मी,ए साहब क्यों उड़ रही आपके आदेश की धज्जियां?

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अररिया/अरुण कुमार के साथ अंकित सिंह की रिपोर्ट

जिले के भरगामा प्रखंड के खुटहा बैजनाथपुर,मानुल्लाहपट्टी एवं शंकरपुर पंचायत सरकार भवन को समय से खुला रखे जाने तथा उसमें सभी कर्मियों को रोस्टर के अनुसार बैठने का प्रखंड व जिला प्रशासन का कागजी दावा को छोड़कर अगर जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे तो प्रखंड व जिला प्रशासन का ये दावा पूरी तरह से गलत साबित होगा।

बता दें,कि एक तरफ प्रखंड व जिला प्रशासन कागजों पर बड़े-बड़े अधिकारियों व मंत्रियों को ढिंढोरा पीटकर कहती है कि भरगामा प्रखंड के खुटहा बैजनाथपुर,मानुल्लाहपट्टी एवं शंकरपुर पंचायत सरकार भवन सहित सभी पंचायत के पंचायत भवन समय से खुलता है,और उसमें रोस्टर के हिसाब से सभी कर्मी भी बैठते हैं,लेकिन वहीं जब हमारे टीमों द्वारा इन सभी क्षेत्रों का जायजा लिया जाता है,तो अधिकांश कर्मी गायब हीं मिलते हैं। वहीं जब इस संबंध में संबंधित वरीय अधिकारी को सूचना दिया जाता है,तो प्रखंड प्रशासन आनन-फानन में वरीय अधिकारी को बिना कोई सूचना के गायब रहने वाले कर्मी के खिलाफ कागजी कार्रवाई दिखाने के लिए पंचायत सरकार भवन के कुछ कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर एक स्पष्टीकरण पूछ देते हैं।

ताकि वरीय अधिकारी को ऐसा लगे कि यहां सब कुछ ठीक-ठाक चल रही है,और प्रखंड प्रशासन अच्छा काम कर रही है। बता दें,कि 20 जनवरी शनिवार को जब हमारे टीमों ने इस बात का सच्चाई जानने के लिए 01 बजकर 04 मिनट पर खुटहा बैजनाथपुर पंचायत सरकार भवन पहुंचा तो वहां शिविर कानूनगो विमलेश कुमार को छोड़कर अन्य सभी कर्मी गायब थे। जबकि बगल में बना आरटीपीएस कार्यालय भी बंद था। बता दें,कि इससे पहले भी 4 जनवरी गुरुवार को हमारे टीमों ने इस पंचायत सरकार भवन का 12 बजकर 08 मिनट पर पड़ताल किया था तो इस पंचायत सरकार भवन में और बगल में बने आरटीपीएस कार्यालय के मुख्य दरवाजे में ताला लटका हुआ मिला था।

वहीं इससे पहले भी कई बार इस कार्यालय का पड़ताल किया जा चुका है,उस पड़ताल में भी इस पंचायत सरकार भवन में व आरटीपीएस कार्यालय में अक्सर ताला हीं लटका हुआ पाया जाता रहा है। वहीं 20 जनवरी शनिवार को हीं मानुल्लाहपट्टी पंचायत सरकार भवन का 02 बजकर 16 मिनट पर जायजा लिया गया तो वहां कार्यपालक सहायक को छोड़कर अन्य सभी कर्मी गायब थे। बता दें,कि इससे पहले भी 2 जनवरी मंगलवार को 03 बजकर 38 मिनट पर इस पंचायत सरकार भवन का जायजा लिया गया था तो इस सरकार भवन के कार्यालय का मुख्य दरवाजा में हीं ताला लटका हुआ मिला था,वहीं बगल में बने आरटीपीएस कार्यालय भी बंद था। बताया जाता है,कि इस पंचायत सरकार भवन का हाल हीं में बीडीओ शशि भूषण सुमन ने निरीक्षण किया था,तो अधिकांश कर्मी पंचायत सरकार भवन से बिना कोई सूचना के गायब थे,जिसके विरुद्ध बीडीओ कार्यालय से स्पष्टीकरण भी निकाला गया था। ज्ञात हो,कि इससे पहले भी डीपीआरओ द्वारा बिना कोई सूचना के गायब रहने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण पूछा गया था। मिली जानकारी अनुसार इससे पहले भी एसडीओ द्वारा भी बिना कोई सूचना के गायब रहने वाले कर्मी से स्पष्टीकरण पूछा गया था।

लेकिन फिलहाल किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं दिख रहा है, अभी भी मनमौजी ढंग से हीं इस पंचायत सरकार भवन का संचालन हो रहा है। और सभी वरीय अधिकारियों एवं मंत्रियों का आदेश बेअसर नजर आ रहा है। वहीं अगर शंकरपुर पंचायत सरकार भवन को देखा जाय तो इस पंचायत सरकार भवन की भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां के भी कर्मी अपने हिसाब से कार्यालय का संचालन करते हैं। अगर इस तीनों पंचायत सरकार भवन को छोड़कर अन्य सभी 17 पंचायत का बात करें तो इस पंचायत में भी आरटीपीएस कार्यालय बंद हीं रहता है,यहां तक की इन सभी पंचायत के भी पंचायत भवन कभी नहीं खुलता है। इस सभी पंचायत सरकार भवन व पंचायत भवन में पदस्थापित कर्मियों के इस तरीके के लापरवाही व मनमौजी को लेकर कई बार प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया गया है,लेकिन प्रखंड व जिला प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण इन सभी पंचायत सरकार भवन व पंचायत भवन की स्थिति ठीक नहीं हो सका है। इस संबंध में जब डीपीआरओ धनंजय कुमार से बात किया गया तो वे अपने हीं कर्मी व अधिकारी से नाराज दिखे। इस संबंध में जब पंचायती राज विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी कल्पना कुमारी से बात किया गया तो वे बड़ी गंभीरता से सारी चीजों का जानकारी ली और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की भी बात कही। बताया जाता है,कि इस संबंध में पंचायती राज विभाग के मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने भी सख्त लहजे में सभी कर्मी को हर हाल में रोस्टर के हिसाब से पंचायत सरकार भवन व पंचायत भवन में उपस्थित रहने का हिदायत दिया है। लेकिन यहां प्रखंड प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन हीं नहीं बल्कि मंत्रियों के आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है।

आखिरकार क्यों नहीं बैठे रहे पंचायत सरकार भवन में कर्मी,ए साहब क्यों उड़ रही आपके आदेश की धज्जियां?

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