पौआखाली (किशनगंज)रणविजय
बस पंद्रह मिनट की तेज आंधी चली और अपने पीछे छोड़ गई तबाही का मंजर।आंधी ने केले की फसल पे ऐसी तबाही मचाई कि, किसानों के चेहरे की मुस्कुराहट और खुशहाली एक पल में ही मायूसी और मातम में बदल डाली। जी हां, बीते शनिवार की अहले सुबह आई तेज आंधी ने ठाकुरगंज प्रखंड के जियापोखर अंतर्गत चौआभिट्ठा, मौजीडांगी, दुराघाटी,अंडाबाड़ी, दल्लेगांव, भावानीगंज आदि अन्य इलाकों में लगे सैकड़ों एकड़ केले की खेती को तबाह व बर्बाद कर दिया है।
जियापोखर थानाक्षेत्र अंतर्गत चौआभिट्ठा मौजीडांगी निवासी पीड़ित किसान मोहम्मद सत्तार अली पिता सामेत अली का दो एकड़ में लगे एक लाख सत्तर हजार रुपए की लागत से, खुर्शीद अली पिता फकीर मोहम्मद का तीन एकड़ में दो लाख पच्चीस हजार रुपए की लागत से तथा रहीमुद्दीन पिता अमीरुद्दीन का पचास डिसमिल भूभाग में साठ हजार रुपए की लागत से केले की खेती में अपना खून पसीना बहाया और उन्हें सींचा। लेकिन, आपदा ने ऐसा कहर बरपाया कि सारे भूभाग में लगे केले की फसल को बर्बाद कर पीड़ित किसानों की तकदीर में रोना बिलखना लिख डाला।
बेचारे पीड़ित किसानों ने कहा कि आंधी ने उनकी कमर ही तोड़ डाली है। किस तरह से एक एक पाई जमाकर और कर्जा उधारी कर हम किसानों ने केले की फसल को मेहनत मजूरी कर उगाया और सोचा कि अब इसे बेचकर इनके लाभ से घर परिवार चलाएंगे, बच्चो की पढ़ाई लिखाई से लेकर शादी ब्याह तक का खर्च निपटाएंगे। किंतु, सारे अरमान आंसुओं में बह जाने को मजबूर हैं।
अब ये पीड़ित किसान कैसे कर्जा चुकाएंगे और घर परिवार संभालेंगे इसको लेकर इनकी चिंता बढ़ गई है। वहीं पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग की गुहार लगाई है। उधर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बिहार सरकार नौशाद आलम ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आपदा पीड़ित किसानों को जल्द मुआवजा राशि दिलाए जाने का अनुरोध किया है। नौशाद आलम ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस आपदा से अवगत कराकर पीड़ित किसानों की मदद का आग्रह करेंगे।
