भगवान श्रीकृष्ण और जाम्बवती के पुत्र साम्ब जो की रोग से ग्रसित थे और रोगों के कारण अत्यंत दुर्बल हो गए थे और उन्होंने सूर्य की उपासना उनके सहस्त्रनाम से की थी !
उन्हे दुःखी देखकर स्वप्न में भगवान सूर्य ने साम्ब से कहा -“साम्ब ! सहस्त्रनाम से मेरी स्तुति करने की आवश्यकता नहीं है ! मैं अपने अतिशय गोपनीय, पवित्र और इक्कीस शुभ नामों को बताता हूँ !प्रयत्नपूर्वक उन्हें ग्रहण करो उनके पाठ करने से सहस्त्रनाम पाठ का फल प्राप्त होगा !

सूर्य भगवान के 21 नाम इस प्रकार हैं:
1. विकर्तन- विपत्तियों को नष्ट करने वाले 2. विवस्वान- प्रकाश रूप 3. मार्तंड- (जिन्होंने अण्ड में बहुत दिन निवास किया) 4. भास्कर 5. रवि 6. लोकप्रकाशक 7. श्रीमान 8. लोक चक्षु 9. ग्रहेश्वर 10. लोकसाक्षी 11. त्रिलोकेश 12. कर्ता 13. हर्ता 14. तमिस्त्रहा- अंधकार को नष्ट करने वाले 15. तपन 16. तापन 17. शुचि- पवित्रतम 18. सप्ताश्ववाहन 19. गभस्तिहस्त- किरणें ही जिनके हाथ स्वरूप हैं 20. ब्रह्मा 21. सर्वदेवनमस्कृत
साम्ब ! ये इक्कीस नाम मुझे अतिशय प्रिय हैं !यह स्तवराज के नाम से प्रसिद्ध है !यह स्तवराज शरीर को निरोग बनानेवाला, धन की वृद्धि करने वाला और यशस्कर एवं तीनों लोकों में विख्यात है !
पूरी दुनिया अभी महामारी से त्रस्त है !
अतः प्रतिदिन इसका त्रिकाल पाठ करें, सुबह-दोपहर-शाम- तीनो समय एक-एक पाठ या फिर 36-36-36 पाठ तीनो समय करें !
शुभमस्तु
जय हो सूर्य भगवान की
साभार : नसीबवाला