विद्यालय निरीक्षण को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक ने सरकार की नियत पर उठाया सवाल 

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

किशनगंज /प्रतिनिधि 

शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय निरीक्षण तो होता आया है इसमें कौन सी नई बात है,और होना भी चाहिए शिक्षक यदि अपने कर्तव्य के प्रति सजग नहीं रहेंगे तो समाज को आईना कौन दिखाएगा ।उक्त बाते परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष मो शाहनवाज राही ने कही है।

उन्होंने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर कहा की आज सरकारी विद्यालयों में गरीब,दलित अल्पसंख्यकों के बच्चे पढ़ते हैं हम शिक्षकों को इनके बच्चों के भविष्य की चिंता है। पिछले दो दशकों से बिहार सरकार राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा में जो उपलब्धि प्राप्त किया है वो हम शिक्षकों के बदौलत ही मिला है कोई बाबू आ के हमारे विद्यालयों में नहीं पढ़ा दिया था। 

उन्होंने आगे कहा की  बिहार के मुखिया मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि आखिर बिहार के शिक्षकों को वोट बैंक की राजनीति से कब अलग किजिएगा ? हम शिक्षकों को विद्यालय तक ही रहने दीजिए।गरीब के बच्चों को तालिम देने के लिए ही हमारी नियुक्ति हुई है।  परन्तु निरीक्षण के नाम पर जिस प्रकार का प्रचार प्रसार किया जा रहा है वो ठीक नहीं लगता । 

उन्होंने कहा की विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण तो समझ में आता है लेकिन किरानी और टाइपिस्टों के द्वारा शिक्षकों का निरीक्षण ? मनरेगा कर्मियों ? मध्याह्न भोजन वाले कर्मियों ? से निरीक्षण कराना यह कहा तक सही है । सरकार क्या करना चाहती है? उन्होंने कहा की सरकार द्वारा शिक्षकों को नीचा दिखाए जाने से क्या शिक्षा व्यवस्था का स्तर ऊंचा हो जाएगा। उन्होंने कहा की एक तरफ शिक्षकों के सम्मान में गुरु और गोविंद दोनों में पहले गुरु को प्रणाम करने की बात की जाती है।

वही उन्होंने कहा की आज लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन बखूबी से हो रहा है । संविधानवाद के सिद्धांत कुचले जा रहे हैं और हम शिक्षक निरीह प्राणी के रुप में चुप हैं।

विद्यालय निरीक्षण को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक ने सरकार की नियत पर उठाया सवाल