किशनगंज /प्रतिनिधि
मुख्य सचिव, बिहार के द्वारा 12 मई को आपदा प्रबंधन विभाग अंतर्गत संभावित बाढ़ और सुखाड़ की समीक्षा सभी डीएम के साथ निर्धारित है। तदनुसार जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के द्वारा जिलांतर्गत संभावित बाढ़/सुखाड़ और हीट वेव (लू) के आलोक में जिला आपदा प्रबंधन के कार्यों के अंतर्गत की गई तैयारियों की समीक्षा समाहरणालय सभागार में सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारियों के साथ आहूत की गई। सभी सीओ वीसी के माध्यम से जुड़े रहे।
बैठक में प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा के द्वारा विभागवार एजेंडा प्रस्तुत किया गया।
समीक्षात्मक बैठक में मुख्य रूप से संभावित बाढ़ में आपदा प्रबंधन के तहत एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) अंतर्गत की जाने वाली तैयारियों यथा जीआर सामग्री,समपूर्ती पोर्टल पर प्रविष्टि, राहत शिविर,प्लास्टिक शीट,खाद्य सामग्री, मानव दवा,आश्रय स्थल,पशु चारा, दवा, बाढ़ नियंत्रण, बाढ़ संधर्षात्मक कार्य,कृषि,प्रशिक्षित गोताखोर, वर्षा मापक यंत्र, तटबंधो की सुरक्षा,लाइफ जैकेट,सामुदायिक रसोई, मोटरबोट,शुद्ध पेयजल, महाजाल,राहत व बचाव दल,नाव उपलब्धता व निबंधन,नदियों का बहाव,आकस्मिक प्लान, गर्मी में विद्यालय संचालन,प्याऊ की व्यवस्था, नदियों का जल स्तर,नाला सफाई आदि पर विमर्श किया गया।
बैठक में आपदा प्रबंधन के पदाधिकारियों के अतिरिक्त सभी प्रखंड के वरीय नोडल पदाधिकारी, प्रभारी सिविल सर्जन,जिला परिवहन पदाधिकारी,अनुमंडलाधिकारी,जिला कृषि पदाधिकारी,जिला पशुपालन पदाधिकारी,कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवम जल निस्सरण, पथ निर्माण,ग्रामीण कार्य,भवन निर्माण,पुल निर्माण,जिला अग्निशाम पदाधिकारी,जिला सांख्यिकी पदाधिकारी,जिला प्रबंधक/एसएफसी व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र एवं उनके द्वारा क्रियान्वित योजनाओं समेत संभावित बाढ़, सुखाड़, कृषि, डीजल अनुदान इत्यादि से संबंधित समीक्षा उपरांत डीएम ने संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही, सभी अधिकारियों को विभाग द्वारा आवंटित किए गए कार्यों का निष्पादन कर्तव्यनिष्ठा एवं समय सीमा के अंदर करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी – सह- अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा आपदा की स्थिति में संवेदनशीलतापूर्ण कार्य करने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंड/अंचल में स्थानीय लोगो को तैराकी प्रशिक्षण हेतु एसडीआरएफ को निदेश दिया गया ताकि डूबने की स्थिति में बचाव कार्य किया जा सके।