समाचार संकलन करने पर अधिकारी मीडिया कर्मियों को ही देते है एफआईआर करवाने की धमकी ।मोहम्मदिया अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का है मामला ।
कटिहार/रितेश रंजन
जिस बिहार में जरूरमंद मरीज की जान दवा नहीं मिलने से चली जाती हो उस बिहार में अगर एक्सपायरी दवा के नाम पर अच्छे दवा को भी आग में जला दिया जाए तो समझ लीजिए दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है । दरअसल एक्सपायरी हो चुके या शॉर्ट एक्सपायरी वाले दवा को लेकर डिस्पोजल का एक तरीका है, जिसके तहत ऐसे दवा को पहले जिला दवा भंडार में भेजा जाता है, जहां से प्रमंडल दवा भंडार और फिर राज्य को भेजना पड़ता है मगर कटिहार के हसनगंज प्रखंड के मोहम्मदिया अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में एक्सपायरी या शार्ट डेटेड एक्सपायरी दवा के अलावे करंट डिटेंड जिसके एक्सपायरी में अब भी लंबा समय है दवा को भी जिस तरह से भंडारण करके रखा गया है, वह व्यवस्था सवालों के घेरे में हैं ।
और जब इस पर बातें बाहर आने लगी तो ऐसे दवा के खेप को आनन-फानन में जला देने की कौशिश से जुड़ा एक संगीन मामला सामने आया है, स्थानीय स्वास्थ्य समिति से जुड़े राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा मामला काफी गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए। वह इस पर सवाल उठा रहे हैं और जब इस हालात पर मीडिया कर्मी अधिकारी से सवाल पूछते है तो अधिकारी कैमरे पर ही मीडिया कर्मी को एफआईआर करने की धमकी दे रहे है । हसनगंज प्रखंड स्वस्थ्य अधिकारी आर के ठाकुर ने कैमरे पर ही सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी पत्रकार को दे डाली । ऐसे में जरूरत है सरकार को पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की ताकि ऐसे अधिकारियो की मनमानी पर रोक लगे ।