अररिया/ बिपुल विश्वास
अमर कथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की धरती ' मैला आँचल' में अपनी साहित्यिक कृतियों से धूम और ख्याति अर्जित करने वाले एवं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कई बार सम्मानित साहित्यकार
डॉ.अनुज प्रभात की पुस्तकों का मराठी अनुवाद एक श्रृंखला सी बन गई है.
अभी-अभी उनकी पुस्तक ” समय का चक्र ” कहानी संग्रह का मराठी भाषा में “नियतिचे चक्र ” के नाम से अनुवाद हुआ है.इस पुस्तक का अनुवाद मराठी लेखिका सुनीता पाटील ने किया है और निखिल प्रकाशन कोल्हापुर द्वारा प्रकाशित किया गया है. गौरतलब है कि सर्वप्रथम डॉ. अनुज की पुस्तक “बूढ़ी आंखों का दर्द ” का अनुवाद हुआ इसके बाद ” नीलपाखी ” का.
“समय का चक्र ” के संबंध में डॉ अनुज प्रभात का कहना है कि, “समय का चक्र ” लघुकथा और कथा का एक संग्रह है.

इसमें 24 लघुकथा और 9 कथा को एक साथ संकलित किया गया है जो मेरे लिए संकलन की एक नई कोशिश है.सबसे बड़ी बात मेरे लिए यह है कि अक्सर मूल लेखन भाषा में पुस्तक पहले आती है उपरांत अनुवाद होता है लेकिन इस पुस्तक के साथ ऐसा नहीं हुआ है.मूल हिंदी में प्रकाशन कोविड के कारण नहीं आ पाया इससे पहले ही अनुवाद कर्ता सुनीता पाटील जी ने अनुवाद कर प्रकाशित कर दिया.मूल हिंदी भाषा में “समय का चक्र ” जल्द ही आने की संभावना है जैसा कि प्रकाशक ने आश्वासन दिया है. ध्यान देने योग्य बातें यह है इस पुस्तक में से लघुकथा “तीसरी पीढ़ी ” पर जुलाई 22 में लघु फिल्म भी बन चुकी है.
