चार दोस्तों ने बनवाया था दुर्गा मंदिर, मुरादे होती है पूरी ,उमड़ता है जनसैलाब

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मंदिर में स्थापित है पत्थर की प्रतिमा

किशनगंज / कोचाधामन/सरफराज आलम

दोस्ती गहराई में उतर जाती है तो दुनिया भी खुशनुमा बन जाता है।प्रखंड के डेरामारी पंचायत के काशीबाड़ी कढ़ाई बाड़ी स्थित दुर्गा मंदिर इस अनूठी दोस्ती का एक जीता-जागता‌ मिशाल है।चार यार ने मिलकर यहां आस्था का एक ऐसा दीया जलाया जो आज पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक रूप से रौशन कर रहा है।इसी दोस्ती को तकाजा है कि पिछले 42 वर्षों से यहां माता दुर्गा का दरबार सजता है।

सन् 1980 की बात है गांव के चार यार अमर सिंह, योगलाल सिंह, बहादुर लाल सिंह और भोला सिंह ने निर्णय लिया कि अब गांव के लोग किसी अन्य गांव में दुर्गापूजा के लिए नहीं जाएंगे।फिर गांव में ही पूजा शुरू कराने का निर्णय लिया।अस्थायी तौर पर शुरू की गई पूजा ने महज11साल में मंदिर का स्वरूप ले लिया। सन् 1991 में मंदिर के भवन निर्माण के बाद यह धीरे-धीरे आसपास के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र बन गया। चारों यार में बहादुर लाल सिंह, भोला सिंह और अमर सिंह तो अब इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन योग लाल सिंह भी अब काफी बुजुर्ग हो चुके हैं।अब कमेटी के लोग ग्रामीणों की सहयोग से मंदिर की देख रेख करते हैं। दुर्गा पूजा को लेकर दुर्गा मंदिर को भव्य रूप दिया गया है।पट खुलते ही श्रद्धालुओं पूजा अर्चना कर रहे हैं।

इस संदर्भ में पंचायत के उप मुखिया मनीधर सिंह एवं आम आदमी पार्टी के जिला प्रवक्ता शकील आलम ने बताया कि
नवरात्रि के अवसर पर यहां काशीबाड़ी, पीयाकुड़ी, सराय कुड़ी, हरिभाषा, पेलनी, अबदल भीटा, कदम टोला,पाटकोई,मौजाबाड़ी समेत अन्य गांव से लोग आते हैं एवं माता दुर्गा के दर्शन व पूजा अर्चना करते हैं। वहीं विधि व्यवस्था को लेकर दोनों समुदाय के लोग प्रशासन को अपेक्षित सहयोग देते हैं।

चार दोस्तों ने बनवाया था दुर्गा मंदिर, मुरादे होती है पूरी ,उमड़ता है जनसैलाब