कैमूर में कहीं नहीं दिखे प्रदर्शनकारी और राजनीतिक दल के कार्यकर्ता
कैमूर के चप्पे-चप्पे पर की गई थी पुलिस बलों की तैनाती
कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
सेना में 4 साल की बहाली का आक्रोश इस कदर भड़का की समूचा बिहार अग्निपथ बन गया। बीते 16 जून को कैमूर जिला भी आग के आगोश में समा गया। प्रदर्शनकारियों ने भभुआ रोड रेलवे स्टेशन को टारगेट किया और लाखों की क्षति पहुंचाई। इसके बाद जैसे ही योजना अग्निपथ के विरोध में राजनैतिक दल सड़क पर उतरने का ऐलान किए तो अभिभावक सचेत हो गए।
यही कारण है कि बिहार बंद का ऐलान के बाद शनिवार की सुबह से लेकर शाम तक सड़कें सन्नाटे में तब्दील हो गई। साथ ही रेलवे स्टेशन पर पुलिस का पहरा था। यानी पूरा इंतजाम चाक-चौबंद होने की वजह से न तो सड़क पर प्रदर्शनकारी नजर आए और ना ही राजनीतिक दल। सड़क से लेकर रेलवे स्टेशन तक केवल पुलिस और पुलिस ही नजर आ रही थी। वहां तैनात मजिस्ट्रेट हर तरह की एक्टिविटी का वीडियोग्राफी करते नजर आए। यानी कैमूर में बिहार बंद पूरी तरीके से फ्लॉप रहा और इसके पीछे केवल और केवल पुलिस और प्रशासनिक महकमे की तैनाती ही मानी जाएगी।
