मातृ मृत्यु दर को कम करने को सिविल सर्जन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

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• सुमन कार्यक्रम के तहत दी जायेगी प्रोत्साहन राशि
• राज्य में मातृ मृत्यु दर में आयी कमी

किशनगंज :जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। इसको लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के प्रांगण में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर की अध्यक्षता में मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019-20 में एचएमआईएस रिपोर्ट के अनुसार मात्र 24 प्रतिशत हीं मातृ मृत्यु दर की पुष्टि की गयी है। इसे 100 प्रतिशत तक यथाशीघ्र लाना अतिआवश्यक व अनिवार्य है। बिहार में मातृ मृत्यु दर 165 (SRS-2015-17) से घटकर वर्ष 2016-18 में 149 तक आयी है। जो एक सकरात्मक बात है। बैठक में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि आशा एवं एएनएम को मैटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस(एमडीएसआर) कार्यक्रम के प्रपत्र फार्म का प्रतिवेदन जमा करने को कहा गया है । बैठक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजीम ,डीपीसी विश्वजीत कुमार, सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

मातृ मृत्यु की सूचना देने पर आशा कार्यकर्ता को दी जायेगी प्रोत्साहन राशि:


बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि मातृ मृत्यु की सूचना को बढ़ावा एवं सुनिश्चित करने के उदेश्य से सरकार ने सुमन कार्यक्रम के तहत प्राइमरी रिस्पोंडेंट को प्रति मातृ-मृत्यु की सूचना देने पर 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है। प्राथमिकता के आधार पर प्राइमरी रिस्पोंडेंट के रूप में आशा को प्रोत्साहित किया जाना है। ऐसे सूचना देने पर आशा कार्यकर्ताओं को 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

एमडीएसआर के सफल संचालन हेतु मासिक बैठक:


सिविल सर्जन ने बताया कि सुमन कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु मासिक समीक्षा बैठक की जाती है। जिसमें सभी सहयोगी संस्था के प्रतिभागियों के साथ मातृत्व म्रत्यु दर को कम करने पर चर्चा की जाती है ।

क्या है सुमन कार्यक्रम:


वैसी मातृ तथा शिशु मृत्यु जिसकी रोकथाम की जा सकती को शून्य करने के उदेश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार ने सुमन कार्यक्रम की शुरुआत की है। कार्यक्रम का लक्ष्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में आने वाली सभी महिलाओं और शिशुओं को अनिवार्य रूप से सम्मानपूर्ण तथा उच्व्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सेवाओं के लिए लाभार्थी को किसी भी तरीके से मना नहीं किया जा सकता है। एएनसी, एचबीएनसी, सुरक्षित प्रसव, “0” डोज टीकाकरण, स्तनपान में सहयोग, आवागमन के लिए मुफ्त रेफरल की सुविधा, जन्म प्रमाण पत्र वितरण, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन के लिए सलाह तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर के कॉल सेंटर के माध्यम से सभी शिकायतों का निवारण सुनिश्चित किया जाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

चार माध्यमों से दी जायेगी सूचना:
• 104 नंबर पर कॉल के माध्यम से
• वेब पोर्टल के माध्यम से
• एसएमएस के द्वारा बीएचएम व एमओआईसी को
• स्वास्थ्य संस्थान के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर

सूचना मिलने पर टीम करेगी जांच:


मातृ-मृत्यु की सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा जांच के पश्चात मातृ-मृत्यु की सूचना को सत्यापित किया जायेगा। इसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मातृ-मृत्यु की प्रथम सूचना देने वाले को भी सत्यापित करेंगे। जिसके बाद प्रोत्साहन की राशि देय होगी। यह प्रोत्साहन राशि आशाओं को अन्य कार्यक्रमों की अन्तर्गत दी जा रही राशि की तरह ही प्रदान की जायेगी। जिसका भुगतान प्रखंड स्तर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड लेखापाल के सत्यापन के बाद देय होगा।

मातृ मृत्यु दर को कम करने को सिविल सर्जन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित