कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
उड़ीसा के राउरकेला में 285 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में उद्घाटन के वर्षों बाद भी इलाज की सुविधा बहाल नहीं हुई है। इसे लेकर वहां के एक युवक ने यह संकल्प लिया है कि इस अस्पताल को चालू कराने के लिए मैं राउरकेला से पैदल दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति से मिलूंगा और उन्हें इस समस्या से अवगत कराऊंगा की इतनी राशि से बने हुए इस सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है । यहां के नेता इसके ऊपर ध्यान नहीं दे रहे हैं । वही पदाधिकारी और मंत्री भी ध्यान नही दे रहे है। जिससे गरीब एवं मिडिल क्लास के लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है जो काफी महंगा पड़ता है । इसी को लेकर के मुक्ति कांत विश्वाल नामक युवक अपने कंधे पर शव का प्रतीक लिए हुए और हाथों में तिरंगा लेकर पैदल राउरकेला से दिल्ली जा रहा हूं। इसी क्रम में युवक कैमूर पहुंचा जहां पर धूप एवं भीषण गर्मी के बावजूद भी युवक गंतव्य की ओर जा रहा था। उससे पूछे जाने पर उसने बताया की इस उम्मीद से निकला हुं कि पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति से अपनी फरियाद सुना सकु की राउरकेला में केंद्र सरकार ने 285 करोड़ की लागत से सुपर फैसिलिटी वाला अस्पताल का निर्माण तो कर दी ।
यही नहीं मार्च 2021 में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उस अस्पताल का उद्घाटन भी किए लेकिन उद्घाटन से लेकर अब तक 285 करोड़ की लागत से बने अस्पताल में अभी तक इलाज शुरू नहीं हुआ है। उसने बताया कि अस्पताल में सर्विस ब्लॉक मेडिकल स्टोर प्रशासनिक कार्यालय कर्मचारी संकाय सभागार शैक्षणिक कार्यालय के अलावा न्यूरोलॉजिकल न्यूरो सर्जरी यकृत नेफ्रोलॉजी हृदय रोग कार्डियोलॉजी कार्डियक सर्जरी एंडोस्कोपी एमआरआई सीटी स्कैन समेत तमाम सुविधाएं अस्पताल मे उपलब्ध है लेकिन इसका लाभ आम आदमी को नही मिल रहा है। स्थानीय राजनेता चाहे वह उड़ीसा सरकार के हो या फिर केंद्र के सरकार के वे लोग नहीं चाहते कि 285 करोड़ की लागत से बना केंद्रीय अस्पताल में मरीजों का इलाज हो। क्योंकि राउरकेला में राजनेता ही मेडिकल माफिया हैं।
वहां पर जितने भी प्राइवेट हॉस्पिटल है सभी हॉस्पिटल राजनेताओं के हैं। उसने बताया कि यदि राउरकेला का यह अस्पताल चालू हो जाता है तो वहां गरीब और सामान्य मिडिल क्लास के लोग इलाज कराने पहुंचेंगे और प्राइवेट अस्पताल बंद हो जाएगा। यही कारण है कि मैं देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के अलावा हेल्थ मिनिस्टर का ध्यान आकृष्ट करने के लिए उड़ीसा के राउरकेला से दिल्ली जा रहा हूं मेरा पदयात्रा 1350 किलोमीटर का है। कंधे पर शव का पुतला एक प्रतीक है जो देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को बताएगा कि 285 करोड़ की लागत से बने अस्पताल में इलाज शुरू नहीं होने की वजह से आम आदमी इलाज के अभाव में मौत के आगोश में समा रहे हैं।
































