भारत -नेपाल के बीच हुआ बड़ा समझौता,कार्गो ट्रेन के जरिए दोनों देशों के बीच अब होगी माल ढूलाई

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देश /डेस्क

भारत और नेपाल के बीच अब रेल के जरिए माल ढुलाई की जा सकेगी ।मालूम हो कि सभी कार्गो ट्रेन ऑपरेटरों को नेपाल जाने वाले भारत और नेपाल के बीच के द्विपक्षीय माल या किसी तीसरे देश से आए माल से लदे सभी कंटेनरों को भारतीय बंदरगाहों से नेपाल तक ले जाने के लिए भारतीय रेल नेटवर्क का उपयोग करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। भारत और नेपाल के बीच रेल परिवहन के लिए यह बड़ी उपलब्धि है । यह कदम बाजार की शक्तियों को नेपाल में रेल के जरिए माल ढुलाई के क्षेत्र में उतरने की अनुमति देगा।रेल मंत्रालय द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि इस कदम से दक्षता और लागत-प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे अंततः नेपाली उपभोक्ताओं को लाभ होगा।






बता दे की अधिकृत किये जाने वाले इन कार्गो ट्रेन ऑपरेटरों में सार्वजनिक एवं निजी कंटेनर ट्रेन ऑपरेटर, ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर, विशेष माल ट्रेन ऑपरेटर या भारतीय रेलवे द्वारा अधिकृत  अन्य ऑपरेटर शामिल हैं।रेल मंत्रालय द्वारा बताया गया कि यह निर्णय भारत और नेपाल के अधिकारियों के बीच नोट वर्बल्स और विनिमय पत्र (लेटर ऑफ एक्सचेंज) की हस्ताक्षरित प्रतियों के औपचारिक आदान-प्रदान के बाद शुक्रवार से लागू हुआ है।






इस लेटर ऑफ एक्सचेंज (एलओई) के बाद, भारतीय रेल नेटवर्क पर भारत के भीतर माल ढोने वाले सभी प्रकार के वैगनों में अब माल नेपाल से लाए और वहां पहुंचाये भी जा सकते हैं।इस कदम से ऑटोमोबाइल और कुछ अन्य उत्पादों, जिनकी ढुलाई विशेष वैगनों में होती है, की ढुलाई लागत में कमी आएगी।मालूम हो कि नेपाल रेलवे कंपनी के स्वामित्व वाले वैगनों को भी भारतीय रेल (आईआर) के मानकों और प्रक्रियाओं के अनुसार भारतीय रेल नेटवर्क पर नेपाल जाने वाले माल (कोलकाता/हल्दिया से विराटनगर/बीरगंज मार्गों पर आने वाले और बाहर जाने वाले) को ले जाने के लिए अधिकृत किया जाएगा।इस हस्ताक्षर समारोह में भारतीय पक्ष का नेतृत्व श्री संजय कुमार मोहंती, सदस्य (परिचालन और व्यवसाय विकास), रेल मंत्रालय ने किया। नेपाली पक्षका नेतृत्व वाणिज्य, उद्योग और आपूर्ति मंत्रालय के सचिव श्री दिनेश भट्टराई ने किया। इस समारोह में रेल मंत्रालय, काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास, भारत केविदेश मंत्रालय केउत्तरी डिवीजन और नेपाली विदेश मंत्रालय के दक्षिण एशिया डिवीजन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।






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