बिहार /पटना
सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की कवायद के बाद बिहार सरकार के एक और नए फरमान से बिहार की राजनीति गर्म हो चुकी है।मालूम हो कि राज्य सरकार ने धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर होने की परिस्थिति में सरकारी नौकरी और ठेके सहित अन्य कार्यों से वंचित रखने का नया आदेश जारी किया है। मंगलवार को गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के आलोक में यह निर्देश दिया गया है ।
जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विट करते नीतीश कुमार पर तानाशाही का आरोप लगाया है। तेजस्वी ने कहा कि मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार, अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे।

क्या है पुलिस मुख्यालय का निर्देश
1 फरवरी 2021 को पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देश में लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति किसी विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पत्रित किया जाता जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्यों कि उनमें सरकारी नौकरी, सरकारी ठेके आदि नहीं मिल पाएंगे।सरकार के इस आदेश के बाद प्रबुद्ध नागरिक भी इसकी आलोचना कर रहे है और इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताया जा रहा है।





























