बिहार : पॉजिटिव स्टोरी ! चाइना बाज़ार को टक्कर देने के साथ साथ आत्म निर्भर भी बन रही है महिलाएं

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रितेश रंजन की विशेष रिपोर्ट

चाइना बाजार को टक्कर देने के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कटिहार जीविका के द्वारा  उम्दा पहल की गई है । जिले के हसनगंज में ग्रामीण महिलाओं के समूह को बांस के सहारे बनाए जाने वाले खिलौना और घरेलू सामान बनाने की विशेष प्रशिक्षण के सहारे आत्मनिर्भरता की नई सीख दी जा रही है ।

मालूम हो कि कल तक बांस के सहारे सिर्फ पारंपरिक सूप और डाला बनाने वाली महिलाएं अब विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से बांस की घरेलू सजावट के सामान, खिलौना और भी आकर्षक वस्तु बहुत कुछ बनाने की कला सीख रही है ।

जो कि   हसनगंज प्रखंड के जीविका समूह के प्रयास से संभव हुआ है। दरअसल महादलित वर्ग की महिलाएं घर में आर्थिक समृद्धि के लिए घर के लोगों के साथ पहले से ही सुप, डाला बनाते थे, जिससे किसी तरह घर का गुजारा होता था, मगर अब जीविका समूह  से यह महिलाएं स्पेशल ट्रेनर के माध्यम से बांस से बनी कई तरह के सामान बनाने का गुर  सीख रही है ।

सकुंतला देवी जैसी महिलाएं जो कि आर्थिक संकट से जूझ रही थी अब उनकी जिंदगी इसकी वजह से पटरी पर दौड़ने लगी है ।बड़ी बात यह है किस ट्रेनिंग के दौरान भी इन लोगों को कुछ पैसा मिलता है। वही ट्रेनर गरबिल हांसदा कहते हैं कि इन दिनों चाइनीज सामान के बॉयकॉट के बाद देसी बाजार में भी इसका डिमांड बहुत ज्यादा है और आगे बाजार और भी बड़ा होने की संभावना है।

महिलाओं ने बताया  कि वह इस ट्रेनिंग से जुड़कर बेहद खुश है, अगर बाजार आसानी से उपलब्ध हो जाए तो रोजगार में चार चांद लग जाएगा ।हसनगंज प्रखंड के परियोजना पदाधिकारी हिमांशु राय ने बताया कि कि इस इलाका में बॉस  का उत्पादन अच्छा होता है और महिलाएं पारंपरिक रूप से बांस के काम से जुड़ी हुई है, इसलिए विभाग  स्पेशल ट्रेनिंग के माध्यम से महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की कोशिश कर रही है।निश्चित तौर पर ऐसे प्रयासों से न सिर्फ ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बनेगी बल्कि बाजार को भी अपने घर में बनाए गए नए चीजों से सुसज्जित होने का मौका मिलेगा।

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