कान्हा मैं तेरी दीवानी
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मैं मीरा नहीं हूँ नहीं राधे रानी।
सुनो मेरे कान्हा मैं तेरी दिवानी,
कि मुरली के धुन पे मैं वारी जाऊँ,
मैं तुझ पे ओ मोहन बलिहारी जाऊँ।
तू चंदन सा पावन मैं पानी पानी,
सुनो मेरे कान्हा मैं तेरी दिवानी।
वो वृंदावन की सुनहरी गालियां,
वो बागों में खिलती महकती कलियां।
तेरे प्रीत की हूँ मैं बहती रवानी,
सुनो मेरे कान्हा मैं तेरी दीवानी।
मेरे दिल मे जब से कन्हैय्या समाया,
ये संसार मैंने महकता सा पाया।
तू खुशियों की दुनिया मे ग़म की कहानी,
सुनो मेरे कान्हा मैं तेरी दीवानी।
मैं मीरा नहीं हूँ नहीं राधे रानी।
सुनो मेरे कान्हा मैं तेरी दिवानी,
निधि चौधरी
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