टेढ़ागाछ (किशनगंज)विजय कुमार साह
भारत नेपाल स्थित सीमा क्षेत्र अंतर्गत टेढ़ागाछ प्रखंड के सभी दुर्गा मंदिरों, पूजा पंडालों एवं घरों में दुर्गा पूजा धुम धाम के साथ मनाया जा रहा है। प्रखंड क्षेत्र में सभी दुर्गा मंदिरों में सोमवार को शारदीय नवरात्र को लेकर कलश स्थापन विधि विधान से किया गया।
श्रद्धालु नवरात्र को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली है। नौवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना श्रद्धा भाव के साथ किए। वहीं मंदिरों में एवं पूजा पंडालों में भक्तों की सुबह से हीं आने-जाने का तांता लगा रहा । श्रद्धालु अपने अपने घरों , पूजा पंडालों एवं दुर्गा मंदिरों में कलश स्थापन कर शारदीय नवरात्र की शुरुआत किए।महिला, पुरुष ,यूवा व बुजुर्ग से लेकर बच्चों तक सभी भक्त पूजा अर्चना लीन दिखाई दिए। माता भगवती की पूजा के लिए भक्त लाल चुनरी, फल फूल, व प्रसाद की थाली को सजा कर मटियारी दुर्गा मंदिर, बेणुगढ़ दुर्गा मंदिर, फुलवरिया दुर्गा मंदिर,सुहिया दुर्गा मंदिर, धवेली दुर्गा मंदिर, बीवीगंज दुर्गा मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे। जिसमें मां भगवती को पान सुपारी, धूप अगरबत्ती, अक्षत कुमकुम, इलायची, बताशा, कपूर ,जौ ,तिल, लौंग, इलाइची, फूल माला, देसी घी, लाल चुनरी, लाल वस्त्र, श्रींगार के सामान,उपले, पांच प्रकार के फल, मिठाई, पंच मेवा आदि पूजन सामग्री के साथ दुर्गा पाठ प्रारंभ किया।
पंडित गोपी झा की मानें तो श्रद्धालु स्नान आदि के बाद व्रत रखकर कलश स्थापन सुबह सात बज कर 15 मिनट से दिन के ग्यारह बजे तक विधि विधान के साथ कलश स्थापन कर प्रथम दिन महादेवी शैलपुत्री की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि एवं शांति की मंगल कामना किए। सभी मंदिरों एवं पूजा स्थलों पर अखंड ज्योति को प्रज्वलित किया गया। अपराहन तीन बजे से शाम छः बजे तक सभी दुर्गा मंदिरों , दूर्गा पंडालों एवं घरों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई।
इसके बाद नौ दिनों तक माता के नौ स्वरूपों की प्रतिदिन विधि विधान व मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की जाएगी। नवमी एवं अष्टमी तिथि को कन्या पूजन कर भक्त अपना अपना व्रत खोलेंगे। मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्चे भाव के साथ इस व्रत को रखकर माता की पूजा अर्चना श्रद्धा भाव के साथ करते हैं, मां शेरावाली उनके जीवन की सारे कष्टों,विध्न वाधा आदि सभी को दूर करते हुए सभी भक्तों की हर मनोकामना को अवश्य पूरी करती हैं। और घरों में सुख समृद्धि व शांति सदैव उनकी कृपा से हमेशा बनी रहती है।