बीस साल बाद हत्या मामले में मिला इंसाफ
नवादा /रामजी प्रसाद एवं कुमार विश्वास
नवादा व्यवहार न्यायालय की एक अदालत ने दो आरोपितों को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजा पाने वाला दोनांे व्यक्ति सगे भाई है। जबकि दोनों मृतक रिश्ते में चाचा एवं भतीजा थे। मामला रोह थाना से जुड़ा है, जिसमें पुलिस को मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए दोनों चाचा व भतीजा की हत्या कर दी गई है। द्वादश अपर जिला एवं न्यायाधीश अमित कुमार पांडेय ने यह सजा गुरूवार को सुनाया। बताया जाता है कि छठ पर्व के अवसर पर 9 नवम्बर 2002 की शाम 7 बजे रोह थाना क्षेत्र के हर्षितपुर गांव मे नाटक किये जाने को लेकर तैयारी चल रही थी, तभी 6-7 की संख्या में रहे लोग बन्दुक व अन्य हथियार से लैस होकर वहां पहुंचा तथा हथियार का भय दिखाते हुए लाईट व बाजा को बंद करने को कहा।
जिससे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग वहां से भागने लगे। नाटक समारोह से भाग कर जैसे ही उसी गांव के निवासी विजय यादव घर पहूंचा, तो देखा कि गांव के ही नकुल यादव व भीम यादव सहित अन्य लोगों द्वारा उसके चाचा रामबालक यादव तथा भाई अनिल यादव को हथियार के बल पर अगवा कर लिया। बाद में दोनों अगवा किये गये लोगो की हत्या कर दी गई। जिसके बाद विजय यादव के बयान पर रोह थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। गवाहों द्वारा अदालत में दिये गये बयान एवं अन्य प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपित नकुल यादव व भीम यादव को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को दस-दस हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अन्य धारा के तहत दो वर्ष कठोर कारावास की भी सजा सुनाई। वहीं अर्थ दंड की राशि अदा नही करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है।
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