दिल्ली : राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद,सर्वांगीण विकास के प्रभाव से,अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का कद हो रहा है ऊंचा

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देश /डेस्क

75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं दी ।देश वासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की इस वर्ष के स्वाधीनता दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि इसी वर्ष से हम सब अपनी आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। श्री कोविंद ने कहा टोक्यो ओलंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है। भारत ने ओलंपिक खेलों में अपनी भागीदारी की 121वर्षों में सबसे अधिक पदक जीतने का इतिहास रचा है । श्री कोविंद ने कहा हमारे देश में चल रहे विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 50 करोड़ से अधिक देशवासियों को वैक्सीन लग चुकी है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें और दूसरों को भी प्रेरित करें ।






उन्होने कहा महामारी की तीव्रता में कमी आई है लेकिन वायरस का प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है। पिछले वर्ष हमारे लोगों के असाधारण प्रयासों के बल पर हम संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने में सफल रहे थे। हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत कम समय में वैक्सीन तैयार करने का कठिन काम संपन्न कर लिया था । श्री कोविंद ने कहा स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस नए भवन के उद्घाटन को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक प्रस्थान बिन्दु माना जाएगा ।उन्होंने कहा हमारा लोकतंत्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, अतः संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।उन्होंने कहा ये सभी देशवासियों के लिए ये बहुत गर्व की बात है कि हमारे लोकतंत्र का ये मंदिर निकट भविष्य में ही एक नए भवन में स्थापित होने जा रहा है। ये भवन हमारी रीति और नीति को अभिव्यक्त करेगा ।

उन्होंने कहा अब जम्मू-कश्मीर में नव-जागरण दिखाई दे रहा है। सरकार ने लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास रखने वाले सभी पक्षों के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए सक्रिय होने का आग्रह करता हूं। 

श्री कोविंद ने कहा सर्वांगीण विकास के प्रभाव से, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का कद ऊंचा हो रहा है। यह बदलाव, प्रमुख बहुपक्षीय मंचों पर हमारी प्रभावी भागीदारी में तथा अनेक देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने में परिलक्षित हो रहा है।उन्होंने कहा  हाल ही में, ‘कारगिल विजय दिवस’ के उपलक्ष में, मैं लद्दाख स्थित ‘कारगिल युद्ध स्मारक – द्रास’ में अपने बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए जाना चाहता था। लेकिन रास्ते में, मौसम खराब हो जाने की वजह से, मेरा उस स्मारक तक जाना संभव नहीं हो पाया। 






श्री कोविंद ने कहा वीर सैनिकों के सम्मान में, उस दिन मैंने बारामूला में ‘डैगर वॉर मेमोरियल’ पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह मेमोरियल उन सभी सैनिकों की स्मृति में बनाया गया है जिन्होंने अपने कर्तव्य-पथ पर सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन जांबाज़ योद्धाओं की वीरता और त्याग की सराहना करते हुए मैंने देखा कि उस युद्ध स्मारक में एक आदर्श-वाक्य अंकित है: “मेरा हर काम, देश के नाम।यह आदर्श-वाक्य हम सभी देशवासियों को मंत्र के रूप में आत्मसात कर लेना चाहिए तथा राष्ट्र के विकास के लिए पूरी निष्ठा व समर्पण से कार्य करना चाहिए। मैं चाहूंगा कि राष्ट्र और समाज के हित को सर्वोपरि रखने की इसी भावना के साथ हम सभी देशवासी, भारत को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने के लिए एकजुट हो जाएं। 

श्री कोविंद ने कहा मैं विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की सराहना  करता हूं, जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की रक्षा की है, और आवश्यकता पड़ने पर सहर्ष बलिदान भी दिया है। मैं सभी प्रवासी भारतीयों की भी प्रशंसा करता हूं। उन्होंने जिस देश में भी घर बसाया है, वहां अपनी मातृभूमि की छवि को उज्ज्वल बनाए रखा है।साथ ही अपने संबोधन में श्री कोविंद ने देश वासियों के सुख समृद्धि की कामना की है ।






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