सीआरएस के 3 माह बाद भी नहीं चली ट्रेन, लोगों में आक्रोश व्याप्त।

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16 अप्रैल को फारबिसगंज-सहरसा-दर भंगा रेलखंड परिचालन को लेकर किया जाएगा ट्विटर ट्रेंड।

रिपोर्ट :बिपुल विश्वास

फारबिसगंज से सहरसा रेलखण्ड पिछले 15 वर्षों आमान परिवर्तन के कार्य के कारण बंद है। इस रूट के अंतिम चरण नरपतगंज-फारबिसगंज के कार्य का CRS निरीक्षण भी 3 माह पूर्व 11 जनवरी को किया गया, जिसके बाद CRS के द्वारा 100 किमी की रफ्तार से परिचालन की अनुमति भी दी गयी। इस रेलखण्ड पर परिचालन शुरू करने हेतु पूर्व मध्य रेल के द्वारा सहरसा से ललितग्राम व दरभंगा से झंझारपुर तक चलने वाली डेमू का फारबिसगंज तक विस्तारीकरण, जोगबनी से सहरसा नई ट्रेन और जोगबनी से दानापुर के लिए नई ट्रेन चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड नई दिल्ली को उसी समय भेजा गया। जहां लोगों में सहरसा से फारबिसगंज के बीच 15 वर्षों के बाद परिचालन शुरू होने वाला इंतज़ार है, वहीं इससे दरभंगा से फारबिसगंज रेलखण्ड भी 89 वर्षों के बाद जुड़ जाएगा। लेकिन अभी तक परिचालन शुरू करने से संबंधित कोई सूचना नहीं मिलने के वजह से लोगों का उत्सुकता आंदोलन का रूप लेता नजर आ रहा है।

रेलवे विभाग के इस सुस्त रवैये के वजह से अररिया,सुपौल, सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा सहित पड़ोसी जिला के सेकड़ों युवाओं के द्वारा जोड़-शोर से आगामी 16.04.2023 को सुबह 10 बजे से दिन के 1 बजे तक उक्त रेलखण्ड पर अविलंब रेल परिचालन चालू करने के मांग को ले करके ट्विटर ट्रेंडिंग का कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए युवाओं का जनसंपर्क अभियान काफी जोर शोर से चल रहा है और उनको बड़े-बड़े सामाजिक लोगों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है।

लोगों ने बताया कि अगर सरकार ट्विटर ट्रेंडिंग अभियान के बाद भी परिचालन शुरू नहीं करवाएगी तो आंदोलन के अगली कड़ी में विभिन्न स्टेशनों पर धरना जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

इस आंदोलन में अररिया,सुपौल, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा के सैकड़ो लोग लगे हुए है।

सीआरएस के 3 माह बाद भी नहीं चली ट्रेन, लोगों में आक्रोश व्याप्त।