तबादले के बावजूद निवर्तमान बड़ा बाबू का सीएस कार्यालय से नहीं हुआ मोहभंग ,देर रात कार्यालय में कर रहे थे काम,डीएम ने जांच कमेटी की गठित

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घुस मांगने का वीडियो वायरल होने के बाद किया गया था तबादला

किशनगंज /सागर चन्द्रा

तबादले के बावजूद सीएस कार्यालय के निवर्तमान बड़ा बाबू का मोहभंग नहीं हुआ है। देर रात उन्हें कार्यालय के बंद कमरे में काम करते पाया गया। इसबीच किसी ने डीएम को शिकायत कर दी। डीएम ने तुरंत मामले की जांच के लिए एएसडीएम साकेत सुमन को सीएस कार्यालय भेजा। जहां एएसडीएम ने बड़ा बाबू उमेश चौधरी से पूछताछ की और कार्यालय कक्ष को ताला मार कर चाबी लेकर चले गए और पूरी घटना की जानकारी डीएम को दी।

बताते चलें कि सीएस कार्यालय के पूर्व प्रधान लिपिक का एक वीडियो विगत दिनों वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में प्रधान लिपिक 50 हजार रुपए घूस मांगते नजर आ रहे थे जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उनका तबादला कोचाधामन कर दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद भी वे सीएस कार्यालय में जमे थे। वहीं एएसडीएम के पुछताछ मे उमेश चौधरी ने बताया सिविल सर्जन के मौखिक आदेश पर वह किशनगंज सीएस कार्यालय में काम कर रहा है। कुछ जरूरी काम होने की वजह से देर रात ऑफिस में काम का निपटारा कर रहे थे।

लेकिन सीएस ने उन्हें लिखित आदेश नहीं दिया था। ऐसे में शक की सुई सिविल सर्जन की ओर भी घूम रही है। आखिरकार ऐसा क्या काम था जो सीएस कार्यालय के वर्तमान प्रधान लिपिक से नहीं करवा कर पूर्व प्रधान लिपिक से कराया जा रहा था। वो भी देर रात। बताते चलें कि उमेश चौधरी का विवादों से लंबा रिश्ता रहा है।

वे लंबे समय तक किशनगंज सीएस कार्यालय में डटे रहे। इससे पूर्व भी उनका तबादला हुआ था। लेकिन अधिकारियों के वरदहस्त के कारण वे सीएस कार्यालय में ही जमे रहे। वहीं डीएम श्रीकांत शास्त्री जिलाधिकारी किशनगंज ने बताया निवर्तमान प्रधान लिपिक किस आधार पर और कैसे किशनगंज सीएस कार्यालय में कार्य कर रहे थे इसकी जांच की जा रही है। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है। जिसमें एडीएम पीजीआरओ, एएसडीएम व एटीओ शामिल है। जांच रिपोर्ट मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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