अररिया /बिपुल विश्वास
बिहार के विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 की एक ओर जहां रिपोर्ट दी गई वहीं दूसरी ओर अररिया ज़िला के फिर से बिहार के दूसरे सबसे गरीब ज़िला में नाम आने पर ज़िला के एक पहल संस्था के संस्थापक व मारवाड़ी युवा मंच के निवर्तमान अध्यक्ष ई आयुष अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि अररिया ज़िला कई मायने में अपनी अलग पहचान रखता तो है परंतु यहाँ के लोगों की आर्थिक स्थिति में किसी भी तरीक़े का बदलाव न आना काफ़ी चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से अररिया काफ़ीसक्रिय है और सीमांचल की धरती हर राजनेता के लिए भी काफ़ी महत्वपूर्ण है।अररिया से निकली हुई राजनीति हवा बहुत दूर तक जाती है और इसका उद्धाहरणकई मौक़े पर देखने को भी मिला है। श्री अग्रवाल ने कहा कि पिछले साल केसर्वेक्षण के मुक़ाबले 598 रुपए कम होकर अब 19527 रुपए प्रति व्यक्ति आय होना यहाँ के सांसद व विधायक के कार्यकलाप पर भी सवाल खड़ा करता है।
इसक्षेत्र की जनता को न तो शिक्षा में और न ही स्वास्थ्य में कोई विशेष लाभ यहाँ केसांसद व विधायकों के द्वारा दिलाया जा रहा है और अब सर्वेक्षण के बाद जबआर्थिक स्थिति से भी यहाँ के लोग कमजोर हो रहे हैं तो यह सोचने और समझनेका वक्त है। श्री अग्रवाल ने विशेष रूप से कहा कि जब इंसान आर्थिक रूप सेकमजोर होने लगता है तब जाकर परिवार का बोझ हर तरीक़े से बढ़ने लगता है और वही बोझ कई घटनाओं का कारण भी बनता है।
अररिया के जनप्रतिनिधियों से उन्होंने आग्रह किया कि अररिया के युवाओं में काफ़ी प्रतिभा है। देश में कईक्षेत्र में ज़िले का नाम भी रौशन कर रहे हैं। उनसे भी जनप्रतिनिधियों को संवादस्थापित करते हुए ज़िला को आर्थिक रूप से मज़बूत करने के लिए जो कदमआवश्यक है उसके लिए पहल करनी चाहिए।
अररिया ज़िला के बिहार में ग़रीबी में दूसरे स्थान पर आने पर रौनक़ जैन, मयंक सोनावत, रोहित अग्रवाल, फ़ैज़ खान, सहबाज खान, मुकुल आनंद, राहुल कुमार, कुणाल केडिया, रितिक फोगला, रौनक़ कुमार, राशिद जुनैद व अन्य ने जनप्रतिनिधियों से माँग की है कि अररियाज़िला के विकास के लिए कुछ नए प्रयास करने की पहल की जाए।