फारबिसगंज /बिपुल विश्वास
जैन धर्मावलंबियों के सर्वोच्च शाश्वत तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के निर्णय को वापस लेने से जैन समाज में खुशी देखी जा रही हैं.फारबिसगंज सकल जैन समाज की एक बैठक बछराज राखेचा की अध्यक्षता में मूलचंद गोलछा के आवास पर हुई ।जिसमें केंद्र सरकार द्वारा झारखंड सरकार को इस आशय का पत्र भेजे जाने पर चर्चा करते हुए इस पर हर्ष प्रकट करते हुए सरकार के प्रति आभार जताया तथा अपने प्रस्तावित मौन जुलूस का कार्यक्रम स्थगित कर दिया.

इस मौके पर श्री राखेचा ने कहा कि केंद्र सरकार का पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अपने पत्र में यह स्वीकारोक्ति की है कि श्री सम्मेद शिखरजी के जैन धर्म की पवित्रता एवं वैश्विक महत्व को मानता है और इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्वीकार करता हैं.वही जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष मूलचंद गोलछा ने कहा कि सम्मेद शिखरजी को लेकर राष्ट्रव्यापी विरोध एवं आंदोलन को देखते हुए सरकार को अपने निर्णय में संशोधन करना पड़ा है जिससे जैन समाज को काफी सुकून मिला हैं.दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष बिनोद सरावगी ने दूरभाष पर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना के प्रभावशाली निगरानी हेतु गठित की जाने वाली हाई पावर कमिटी में जैन समाज के दो प्रतिनिधियों को इसका सदस्य बनाए जाने के निर्देश स्वागत योग्य है, इसके लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया हैं. श्री सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल के रूप में मानता देने पर हर्ष.इस बैठक में निर्मल मरोठी ,प्रदीप बोथरा, भास्कर महनोत, निर्मल सेठिया, पवन सरावगी, बंटी राखेचा, सुमन डागा ,महेंद्र वेद्म, शैलेश जैन आदि मुख्य रूप से उपस्थित थें.
