Search
Close this search box.

दफ्तरी डेवलपर्स जमीन विवाद :अधिकारियों ने सौंपा जांच रिपोर्ट,चौंकाने वाला हुआ खुलासा ,गवाहों को मुकदमे की नहीं है कोई जानकारी

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

किशनगंज /प्रतिनिधि

दफ्तरी डेवलपर्स द्वारा जमीन पर करवाया जाएगा मॉल का निर्माण ,मिलेगा सैकड़ों लोगो को रोजगार

साजिश के तहत दफ्तरी डेवलपर्स को किया गया बदनाम – सुनील दफ्तरी

गवाहों ने शपथ पत्र दायर कर गवाह बनाए जाने की सूचना से किया इंकार

किशनगंज शहर के प्रसिद्ध औद्योगिक संस्थान दफ्तरी डेवलपर्स पर दिलावरगंज निवासी जयंत पोद्दार द्वारा उनके जमीन पर जबरन निर्माण कार्य करवाए जाने के मामले ने दिलचस्प मोड़ ले लिया है ।जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के आदेश पर अधिकारियों द्वारा किए गए स्थल जांच में जिस जमीन पर जयंत पोद्दार द्वारा दावा किया गया है वो जमीन जयंत पोद्दार की है ही नहीं ।

मालूम हो कि खेसरा संख्या 188 पर जयंत पोद्दार द्वारा दावा किया गया है। जबकि अंचलाधिकारी द्वारा किए गए जांच में खेसरा नंबर 188 जयंत पोद्दार ने खरीदा ही नहीं है और मकान बना लिया गया है। पूरा विवाद इसी खेसरा नंबर 188 को लेकर है । जिसपर दफ्तरी डेवलपर्स के सुनील दफ्तरी ने मालिकाना हक जताया है ।वहीं जांच में शामिल अधिकारियों ने जयंत पोद्दार के उस दावे को भी खारिज कर दिया है जिसमें जयंत पोद्दार ने उनकी जमीन पर गढ्डा खोदने एवं बाउंड्री वॉल निर्माण का आरोप लगाया है ।






जिला पदाधिकारी को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि जिस उपरोक्त भूमि पर गड्ढा खोदा गया है, उस भूमि से संबंधित उभय पक्षों के बीच स्वामित्व का कोई विवाद नहीं है तथा यह विपक्षी की भूमि है अर्थात सुनील दफ्तरी की भूमि है। एवं परिवादी का वर्तमान आवासीय घर तथा गड्ढा खोदे गये स्थल के बीच लगभग 100 फीट की दुरी है। उभय पक्षों के बीच गढ़े वाली जमीन से भिन्न नगरपालिका सर्वे खेसरा 188 की जमीन खरीदिगी को लेकर विवाद चल रहा है, जो इस परिवाद मे विचारधीन नहीं है।

वहीं नक्सा स्वीकृति के बिना निर्माण कार्य शुरू किए जाने के मामले में जांच में यह बात सामने आई है की राजकरण दफ्तरी के द्वारा अग्निशमन विभाग ,पटना में स्वीकृति के लिए आवेदन दिया गया है वहा से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद नगर परिषद से नक्सा स्वीकृति करवाने की उनकी योजना है ।बता दे की जयंत पोद्दार द्वारा आरोप लगाया गया था की जानबुझ कर जान मारने की नियत से गड्ढ़ा खोदा गया है , कि जांच करने पर अधिकारियों ने इसे आधार हीन बताया है । यही नहीं जयंत पोद्दार द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में सुनील दफ्तरी के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है, उसमे भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है ।

जयंत पोद्दार द्वारा जिन्हें मुकदमा में गवाह बनाया गया था, उन्हें गवाह बनाए जाने की जानकारी ही नहीं है ।दायर मुकदमे में अरुण कुमार ,पिता दिगम्बर प्रसाद यादव निवासी दिलावर गंज एवं शंभू राय पिता अधिक नारायण राय निवासी दिलावर गंज ने शपथ पत्र संख्या 15984 एवं 15985 दायर कर कहा है की उन्हे मामले की कोई जानकारी नहीं है एवं उनका नाम गवाह में क्यों दिया गया उससे वो वाकिफ नहीं है इसलिए गवाह से उनका नाम हटा लिया जाए ।मालूम हो की दफ्तरी डेवलपर्स यहां मॉल का निर्माण करवाने वाले है और मॉल का निर्माण होने से सैकड़ों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा ।सुनील दफ्तरी का कहना है की कुछ लोगो के द्वारा साजिश के तहत दफ्तरी डेवलपर्स को बदनाम किया गया है ।लेकिन जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है।

बता दे की ज्ञापांक-1578/सी० दिनांक 16.08.2021 के आलोक में संयुक्त जाँच दल के द्वारा श्री जयन्त पौदार, पिता-स्व० कुसुम लाल पौदार, सा० दिलावरगंज थाना व जिला-किशनगंज द्वारा समर्पित परिवाद पत्र के आलोक में प्रभारी अंचला अधिकारी समीर कुमार,कार्यपालक अभियंता ,भवन निर्माण विभाग प्रमोद कुमार ,नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार ,भूमि सुधार उप समाहर्ता,मो आफाक अहमद द्वारा जांच के बाद जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश को जांच रिपोर्ट सौंप दिया गया है ।






आज की अन्य खबरें पढ़ें :




दफ्तरी डेवलपर्स जमीन विवाद :अधिकारियों ने सौंपा जांच रिपोर्ट,चौंकाने वाला हुआ खुलासा ,गवाहों को मुकदमे की नहीं है कोई जानकारी

× How can I help you?