राजेश दुबे
हिंदुस्तान की छवि को दुनिया भर में बदनाम करने के लिए खालिस्तान समर्थक मो धालीवाल ने कनाडा में बैठे बैठे ना सिर्फ तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ताओं को काम में लगाया बल्कि मार्केटिंग एक्सपर्ट की भी सहायता ली । दिल्ली पुलिस पूरी साजिश का परत दर परत खुलासा कर रही है , जिसके बाद धीरे धीरे साजिश कर्ताओं के नाम उजागर हो रहे है । भारत को बदनाम करने की साजिश में जुटे मुख्य 7 किरदारों के नाम अभी तक सामने आए है ।जो कि निम्न है दिशा रवि, निकिता जैकब, शांतनु मुलुक, मो धालीवाल, अनीता लाल ,पीटर फेड्रिक और पुनीत । दिशा रवि जहां पर्यावरण एक्टिविस्ट है वही निकिता जैकब अधिवक्ता ।
दिल्ली पुलिस द्वारा की गई जांच में अनीता लाल का भी नाम सामने आया है बताया जाता है कि अनीता लाल कनाडा में रहती है और मार्केटिंग एक्सपर्ट है और मो धालीवाल ने अनीता लाल को डिजिटल स्ट्राइक के लिए अपने टीम में शामिल किया था ताकि सोशल मीडिया के जरिए हिंदुस्तान कि योग और चाय संस्कृति को पूरी दुनिया में बदनाम किया जा सके ।बताया जाता है कि अनीता AskIndiawhy वेबसाइट की संचालक भी है ।अनीता लाल खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस संस्था की सह संस्थापक भी हैं।पुलिस के मुताबिक, विवादित टूलकिट तैयार करने में अनीता लाल भी शामिल थी।

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि जूम मीटिंग में अनीता लाल भी शामिल थी या नहीं। वहीं पीटर फेड्रिक ISI का एजेंट बताया जाता है और अलग अलग मंचो पर इसने भारत के खिलाफ कई बार बयानबाजी की है और ये कई वर्षों से हिंदुस्तान के खिलाफ साजिश में जुटा हुआ है ।दिल्ली पुलिस के मुताबिक 2006 से ही ये पुलिस के रडार पर है ।
मामले में गिरफ्तार दिशा रवि ने पूछताछ में बताया कि टूलकिट बनाने और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजने के लिए इंटरनेशनल फार्मर्स स्ट्राइक नामक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में 67 नामी लोग शामिल थे, जिनमें कई विदेशी थे। इसी ग्रुप पर टूलकिट का मसौदा तैयार हुआ था। इसके बाद जूम बैठक में ग्रुप के लोगों से कहा गया कि वे अपने जानने वाली अंतरराष्ट्रीय हस्तियों को ये टूलकिट भेजेंगे, ताकि दुनिया को भारत में किसानों पर हो रही कथित ज्यादती का पता चल सके
वहीं दिशा रवि और ग्रेटा का वाट्सएप चैट भी अब सामने आ चुका ।ये चैट 3 फरवरी का है जिस दिन ग्रेटा ने टूल किट जारी किया था और उसके बाद किसान आंदोलन की आड़ में चल रहे पूरे साजिश का खुलासा देखते ही देखते हो गया था ।जिसे न्यूज लेमनचूस ने भी उसी दिन प्रमुखता से अपने वेबसाइट में प्रकाशित किया था कि कैसे किसानों की आड़ में विदेशी साजिश रची जा रही है ,ताकि भारत को विश्व मंच पर बदनाम किया जा सके ।
ग्रेटा और दिशा ने उस दिन वाट्सएप पर करीब 20 मिनट तक चैट किया था ।दिशा रवि ने ग्रेटा को एक मेसेज भेजा था और उसमें वो लिखती है कि क्या हम सभी कुछ देर के लिए खामोश नहीं हो सकते? मैं अपने वकीलों से बात कर रही हूं । मुझे माफ करना लेकिन हमारे नाम टूल किट में मौजूद हैं और इसकी वजह से हमारे ऊपर यूएपीए एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है साथ ही दिशा वकील से संपर्क करने की जानकारी भी ग्रेटा को दे रही थी ।उसने उसी दिन करवाई की आशंका जताई थी ।धीरे धीरे सभी किरदारों के नाम उजागर होने के बाद किसान आंदोलन की आड़ में चल रहे पूरे विदेशी साजिश का खुलासा हो चुका है ।जरूरत है कि भारत सरकार अब विदेश में बैठे इन साजिश कर्ताओं को अंतर राष्ट्रीय कानूनों का सहारा लेकर इन्हें भारत लाए ताकि इन्हें सख्त सजा दी जा सके ,जिससे कि कोई दुबारा हिंदुस्तान की छवि को धूमिल करने का प्रयास सपने में भी ना सोचे ।






























