डेस्क/न्यूज लेमन चूस
म्यांमार में सेना के द्वारा तख्तापलट किए जाने की भारत सहित अन्य देशों ने निंदा की है ।
मालूम हो कि सोमवार को म्यामार की चुनी हुई सरकार को सत्ता से पदच्युत कर सेना ने कब्जा कर लिया और उसके बाद वहां पूरी तरह सेना का कब्जा हो गया है ।
म्यांमार में सेना के द्वारा चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद बांग्लादेश ,अमेरिका ,इंग्लैंड सहित अन्य देशों ने निंदा की है ।
सू की हिरासत में लिए जाने के बाद सरकारी एमआरटीवी और रेडियो ने सोमवार को कहा था कि टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते वह फिलहाल प्रसारण नहीं कर पा रहे हैं. म्यांमार रेडियो और टेलीविजन ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी थी ।
म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत देश के शीर्ष नेताओं को सोमवार को हिरासत में ले लिया गया था। उसके बाद से ही समाचार चैनलों पर रोक लगा दिया गया है जिससे कोई जानकारी आज वहां से निकल कर नहीं आ रही है । जानकारी के मुताबिक रोहिंगिया मुसलमानों के प्रति नरम रुख अपनाने की वजह से सेना द्वारा यह कदम उठाया गया है ।सेना द्वारा एक साल के लिए यह इमरजेंसी लागू की गई है ।
बता दे की म्यांमार भारत का पड़ोसी देश है और इसका सीधा असर भारत से मित्रता पर भी पड़ सकता है ।बताया जाता है कि म्यांमार की सेना चीन के काफी करीब मानी जाती है ,जो कि भारत के लिए चिंता का विषय है ।रक्षा विशेषज्ञों की माने तो भारत सरकार को म्यांमार में हुई तख्ता पलट पर पूरी नजर रखनी चाहिए और सैन्य सरकार से बातचीत जारी रखना चाहिए ताकि चीन तख्तापलट का फायदा ना उठा सके ।





























