देश :पीएम मोदी ने किसानों को दिया भरोसा कहा एमएसपी हटानी होती तो स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट क्यो लागू करते ,विपक्ष को बताया निर्दयी

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मोदी को क्रेडिट मिलने से है विपक्ष परेशान

जिनकी खुद की राजनीतिक जमीन खिसक गई है वो किसानों की जमीन चली जाएगी का डर दिखाकर अपनी राजनीतिक जमीन खोज रहे हैं -पीएम

देश /डेस्क

राजनीतिक दलों की पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ। उनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे लेकिन कर नहीं पाते थे वो मोदी ने कैसे किया, मोदी को इसका क्रेडिट कैसे मिल जाए उक्त बाते  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रायसेन के किसानों को संबोधित करते हुए कही ।

मालूम हो कि देश में किसान संगठनों द्वारा बीते 22 दिन से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। उस बीच आज प्रधान मंत्री श्री मोदी ने किसान महा सम्मेलन को संबोधित किया और कृषि कानून से होने वाले लाभ से अवगत करवाया है ।पीएम ने कहा कि बीते समय में ओले गिरने से मध्य प्रदेश के किसानों का नुकसान हुआ है।

आज इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के ऐसे 35 लाख किसानों के बैंक खातों में 1600 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं । प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृष्य में भारत का किसान, सुविधाओं के अभाव में, आधुनिक तौर तरीकों के अभाव में असहाय होता जाए, ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती। पहले ही बहुत देर हो चुकी है।

जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वो आज करने की नौबत आई है । प्रधानमंत्री ने नए कृषि कानून पर अपनी बात रखते हुए कहा कि बीते कई दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है। ये कृषि सुधार, कानून रातों-रात नहीं आए। पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है ।

श्री मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते थे, बड़ी-बड़ी बातें करके किसानों के वोट बटोरते रहे। लेकिन अपने घोषणा पत्र में लिखे वादों को भी पूरा नहीं किया। सिर्फ इन मांगों को टालते रहे ,क्योंकि किसान उनकी प्राथमिकता नहीं था ।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार बार-बार पूछ रही है कि आपको कानून में किस धारा में क्या दिक्कत है, तो इन राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता। जिनकी खुद की राजनीतिक जमीन खिसक गई है वो किसानों की जमीन चली जाएगी का डर दिखाकर अपनी राजनीतिक जमीन खोज रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका बहुत बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट।

रिपोर्ट आई, लेकिन ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को आठ साल तक दबाकर बैठे रहे। इन लोगों ने ये सुनिश्चित किया कि इनकी सरकार को किसान पर ज़्यादा खर्च न करना पड़े साथ ही कहा कि हमने     फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया ।

पीएम ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है । प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा नए कानून के बाद एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? सच्चाई तो ये है कि हमारी सरकार APMC को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्च कर रही है ।कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य नेता और हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे है ।

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