रेतुआ नदी पर बांस की चचरी पुल बना लोगों की मजबूरी, आरसीसी पुल निर्माण की मांग हुई तेज

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संवाददाता:विजय कुमार साह

किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हवाकोल पंचायत स्थित रेतुआ नदी के खुरखुरिया घाट पर वर्षों से बनी बांस की चचरी पुल आज भी क्षेत्र के लोगों की मजबूरी बनी हुई है। यह अस्थायी और अत्यंत जोखिम भरी पुल दर्जनों पंचायतों के हजारों लोगों के लिए आवागमन का एकमात्र सहारा है।

इसी पुल के सहारे आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों के लोग प्रखंड मुख्यालय टेढ़ागाछ एवं जिला मुख्यालय किशनगंज तक आवाजाही करने को विवश हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि खुरखुरिया घाट पर बनी यह चचरी पुल वर्षों पुरानी है, जो हर साल बरसात के मौसम में जानलेवा साबित होती है।

बारिश के दिनों में रेतुआ नदी उफान पर आ जाती है, जिससे आसपास का इलाका जलमग्न हो जाता है। ऐसे समय में बांस की पुल से गुजरना खतरे से खाली नहीं रहता।

कभी भी पुल बह जाने या टूटने की आशंका बनी रहती है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। स्थानीय ग्रामीण सुधीर कुमार, महेंद्र प्रसाद मंडल, विजय कुमार मंडल, अनिल कुमार मंडल एवं मनोज कुमार मंडल के साथ जदयू पंचायत अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद मंडल ने बताया कि रेतुआ नदी पर आरसीसी पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार सांसद, विधायक एवं जिला पदाधिकारी को सामूहिक रूप से आवेदन सौंपा है।

हर बार आश्वासन तो मिला, लेकिन जमीनी स्तर पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और निराशा दोनों बढ़ते जा रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि पुल नहीं होने के कारण प्रखंड मुख्यालय, जिला मुख्यालय, अस्पताल, विद्यालय, हाट-बाजार एवं अन्य आवश्यक कार्यों के लिए लोगों को कई किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।

आपात स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार नाव या वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है।ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी विशाल राज से आग्रह किया है कि इस समस्या का संज्ञान लेते हुए पुल निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाया जाए।

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