किशनगंज /सागर चंद्रा
बांग्लादेश में जारी तनाव के मद्देनजर, बीएसएफ के उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने विभिन्न आकस्मिकताओं की आशंका के साथ भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। किसी भी संभावित सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए हाई अलर्ट की स्थिति घोषित की गई है। सभी स्तरों पर कमांडरों को किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने के लिए अत्यधिक सतर्कता और तैयारी बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। जवानों की संख्या बढाने और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों के गठन के साथ सीमा पर चैबीसों घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि
भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा 4,096 किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसमें से 936.415 किलोमीटर बीएसएफ के उत्तरी बंगाल फ्रंटियर के अधिकार क्षेत्र में है, जो दक्षिण दिनाजपुर जिले से कूचबिहार जिले तक पश्चिम बंगाल के 05 जिलों तक फैली हुई है। उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने 04 बीएसएफ सेक्टरों के तहत कुल 18 बीएसएफ बटालियन तैनात की हैं, जो सभी अब हाई अलर्ट पर हैं। पूरी सीमा के अलावा सभी लैंड कस्टम स्टेशनों (एलसीएस) पर भी निगरानी बढा दी गई है।
बीएसएफ द्वारा बताया गया की महानिरीक्षक सूर्यकांत शर्मा के नेतृत्व में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बीएसएफ तैयार है और सीमा चैकियों (बीओपी) पर जनशक्ति बढा दी गई है और सीमा की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी निगरानी उपकरणों का उनकी पूरी क्षमता से उपयोग किया जा रहा है। उप-इकाइयों को उच्च सतर्कता बनाए रखने और किसी भी प्रतिकूल स्थिति से तुरंत निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए खुफिया अभियानों को बढाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी उभरते खतरे की तुरंत पहचान की जाए और उसे बेअसर किया जाए।






























