किशनगंज /सागर चन्द्रा
लाख कोशिशों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक बार फिर से जिले के स्वास्थ्य विभाग का नया कारनामा उजागर होने से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। ताजा मामला किशनगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ( बेलवा पीएचसी ) से जुड़ा है। केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के खिलाफ सीएचओ ने डीएम श्रीकांत शास्त्री को लिखित आवेदन दिया है।
आवेदन में पीएचसी प्रभारी डा. टीएन अंसारी के द्वारा प्रोत्साहन राशि लंबित रखने एवं प्रोत्साहन राशि के भुगतान में 50 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया गया है। वहीं पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा उनके प्रोत्साहन राशि का 50 फीसदी कमीशन मौखिक रूप से मांगा जा रहा है। कमीशन नहीं देने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं देने की धमकी दी गई है।
बताते चलें कि कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से निर्देश दिया गया था कि ग्रामीण क्षेत्र में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी को असिष्ट करने के लिए दो एएनएम को पदस्थापित किया गया था।
जब कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सरकारी आदेश का अवहेलना करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी से जबरन एएनएम के अधीन काम करा रहे हैं। पीएचसी के सभी सीएचओ ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है। ज्ञातव्य है कि बेलवा स्थित किशनगंज पीएचसी में कुल छह महिला कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पदस्थापित है।
जबकि पूरे जिले में 44 सीएचओ है। जिले के सभी सीएचओ को प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया है। सिर्फ किशनगंज पीएचसी में पदस्थापित छह सीएचओ के प्रोत्साहन राशि का भुगतान अभी तक लंबित है।





























