सुपौल। सोनू कुमार भगत
त्रिवेणीगंज अनुमण्डल क्षेत्र निवासी एक योग प्रचारिक स्थानीय महिला पुरुषों समेत युवा तथा बच्चों को योग से जोड़कर निरोग बनाने को लेकर कृतसंकल्पित है। एक महिला होते हुए भी योग की महत्ता को बताने को लेकर कई प्रखंडों तथा गांव टोले में शिविर आयोजित कर लोगों को योगाभ्यास करवाने में कई सालों से जुटी रही है।
प्रचारिका रितंभरा भारती
कोसी क्षेत्र को निरोग बनाने को लेकर कृतसंकल्पित बनी हुई है। उनका मानना है कि जिले में वर्तमान परिवेश में प्रदूषित वातावरण व खान पान के कारण लोगों में कई तरह की बीमारी उपज रही है। जिसको नित्य योभभ्यास से कम करने की बात कह रही है। उनका मानना है कि योग करने से लोग निरोग बने रहते है। उन्होंने अपनी स्लोगन करे योग रहे निरोग को फिर से दोहराते हुये बताया की लोगों को रोग से निजात दिलाने को लेकर वो अब तक कई योग शिविर संचालित कर चुकी है। कहा कि बिगत साल कोरोना महामारी को लेकर वो शिविर आयोजित नही कर सकी है।
मगर सभी को घरों में ही योगाभ्यास सामाजिक दूरी बनाकर नित्य करने को लेकर जागरूक करते रहने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास के इस सफर में उन्हें परिवारिक सदस्यों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें लोगों को निरोग बनाने को लेकर योग से जुड़ने की इच्छा अपने छोटे भाई से हुई। जो कि लोगों को स्वस्थ करने हेतु योग शिविर का संचालन किया करते थे।
उसी दौरान उनके भी मन में आया कि महिलाएं भी अगर सोच ले तो क्या कुछ नहीं कर सकती। तब जाकर उन्होंने दो बच्चों की मां होते हुए भी पारिवारिक दायित्वों , मातृत्व दायित्व का निर्वहन करते हुऐ इस प्रशिक्षण को लेने को लेकर आगे आई। जिसके बाद पतंजलि योग पीठ हरिद्वार में प्रशिक्षण ली। योग प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें लोगों को योग से निरोग करने का संकल्प इस कदर हावी हुआ कि छोटे-छोटे बच्चों की परवाह किये बगैर नित दिन अहले सुबह तो कभी दिन तो कभी संध्या में योग शिविर, आरोग्य सभा का आयोजन को लेकर अनुमण्डल समेत, प्रखण्ड क्षेत्रों में योग शिविर का संचालन करने जुट जाती थी। उन्होंने कहा कि साल 2008 से योग से जुड़ने का काम करते हुए निरंतर लोगों को योगाभ्यास करवाने के लुए जागरूक बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा महिलाओं की टोली बनाकर उन्हें भी न केवल योग शिक्षिका के रूप में जोड़ने का कार्य किया है। बल्कि गांव समाज के लोगों को स्वच्छता , पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पौधा रोपण करने आदि के प्रति भी जागरूक करने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि योग की महत्ता समझकर महिलाओं को इसमें आगे आना चाहिए। महिलाएं जब योग में प्रशिक्षित होंगी तो अपने परिवार के बड़े बुजुर्ग सहित बच्चों को योग के माध्यम से स्वस्थ तथा निरोग रख सकेगी। क्योंकि योग प्राचीन पद्धति है। उन्होंने बताया कि उनके पति तथा उनके एक बेटा तथा बेटी भी उनके इस कार्य मे समय समय पर साथ दे रही है।