अनिबंधित मेडिकल क्लीनिकों में एनओसी के लिए मची होड़, जाँच पड़ताल शुरू

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किशनगंज /रणविजय


जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के निर्देशानुसार पौआखाली नगर पंचायत में संचालित अनिबंधित निजी नर्सिंग होम,क्लीनिक एवम पारा मेडिकल लैब आदि की स्थलीय जांच, प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी रामबिलास दास ने की है।बताते चले कि पौआखाली में तकरीबन एक दर्जन के आसपास ऐसे मेडिकल क्लीनिक और नर्सिंगहोम संचालित है जिनमें से अधिकांश संचालकों के पास कोई वैध कागजात उपलब्ध नही है।

गौरतलब है कि सिविल सर्जन किशनगंज के अनुसार पूरे किशनगंज में मात्र 21 नर्सिंग होम ही निबंधित है।यही कारण है कि जिला पदाधिकारी ने उक्त सूची के अलावे संचालित बाकी नर्सिंग होम की सूची मांगी है।

इसी सन्दर्भ में प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी वैसे मेडिकल क्लीनिकों की जाँच पड़ताल में लगे हुए हैं। उधर इस सम्बंध में नगर पंचायत पौआखाली के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी रामबिलास दास ने बताया कि जांच के आधार पर अनिबंधित नर्सिंग होम,क्लिनिक एवम जांच केंद्रो (पैथोलॉजी) की रिपोर्ट जिला प्रशासन को की जा रही है।उन्होंने बताया कि जांच में केवल 2 संचालकों ने अपना निबंधन पत्र दिखाया है।

इधर जिला प्रशासन के हरकत में आते ही नर्सिंग होम, क्लीनिक, जांच केंद्र संचालकों द्वारा नगर प्रशासन से एनओसी लेने के लिए होड़ मची है। बताया जा रहा है कि एनओसी लेकर ऐसे मेडिकल क्लीनिक संचालक सिविल सर्जन को आवेदन दे रहे हैं। दूसरी ओर पौआखाली नगर पंचायत में चल रहे अनिबंधित रूप से नर्सिंग होम, मेडिकल क्लीनिकों के अलावे जांचघरों की बड़े पैमाने पर जांच पड़ताल की आवश्यकता बताई जा रही है।

दरअसल, आयुर्वेद एवम होमियोपैथ के डिग्रीधारी द्वारा पौआखाली में एलोपैथी के क्लीनिक संचालन की बात सामने आई हैं।जानकारों की माने तो कई चिकित्सकों की मेडिकल डिग्री भी चिकित्सकीय मानकों के अनुरूप भी नही है।

साथ ही इन क्लीनिकों में इमरजेंसी सुविधा के नाम पर केवल खानापूर्ति भर है।बीते कुछ दिनों में इमरजेंसी सुविधा के अभाव में कई लोगों ने जान भी गवाई है। बहरहाल, इन क्लीनिकों के जाँच पड़ताल के बाद जिला प्रशासन क्या कुछ कार्रवाई करती है यह तो वक्त ही बताएगा।

अनिबंधित मेडिकल क्लीनिकों में एनओसी के लिए मची होड़, जाँच पड़ताल शुरू