कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
बैंकों के निजीकरण को लेकर दक्षिण बिहार मध्य ग्रामीण बैंक के अलावे अन्य बैंक भी है हरताल पर वही बैंक कर्मीयों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं. सभी बैंक कर्मियों द्वारा सरकार से मांग किया जा रहा है कि बैंकों में निजीकरण न किया जाए इसे लेकर भभुआ बाजार में बैंक कर्मियों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया . बैंक कर्मियों ने कहा कि कोरोना काल में भी दक्षिण मध्य बिहार ग्रामीण बैंक का कार्य बेहतर रहा है. गरीब एवं छोटे छोटे लोगों को कर्ज देकर उन्हें व्यवसाय करने में सहयोग किया गया है लेकिन बैंक के इतना सराहनीय कार्य करने के बाद भी सरकार का जो निर्णय है वह गलत है बैंकों का निजीकरण नहीं होना चाहिए इसके विरोध में 2 दिन तक हम लोग हड़ताल पर रहेंगे.
वही बैंक ऑफ इंडिया के विशाल कुमार ने कहा कि सरकारी बैंकों के द्वारा जन धन योजना, अटल पेंशन योजना, मुद्रा लोन योजना, जैसे कई गरीबों के सहयोग के लिए चलाई जा रही योजनाओं का बेहतर तरीके से पालन किया जाता है. जबकि सरकारी बैंक के अलावा प्राइवेट बैंकों में ऐसी सुविधा नहीं है यदि बैंकों का नीजी करण किया जाएगा तो देश में और गरीबी बढ़ेगी और इसके लिए जिम्मेदार वित्त मंत्री और नरेंद्र मोदी हैं जो देश गरीबी से बाहर निकल रहा है उसे गरीबी में धकेलने का प्लान कर रहे हैं. इससे देश में गरीबी बढ़ेगी उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी सरकारी बैंकों के द्वारा छोटे-छोटे लोन देकर गरीब लोगों का सहयोग किया गया अमीर लोगों के पास तो सब कुछ था लेकिन करोना काल में गरीब लोग टूट चुके थे जिनका सरकारी बैंकों के द्वारा छोटा छोटा लोन देकर काफी सहयोग किया गया ऐसे में सरकार गरीबों के विरोध में जो नीति अपना रही है इससे गरीब लोगों को काफी नुकसान होगा.
मध्य बिहार ग्रामीण के असिस्टेंट मैनेजर अश्विनी कुमार ट्विंकल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सिर्फ पूजी पतियों को बढ़ावा दे रहे हैं 8 वर्ष से सिर्फ पूजी पतियों के लिए ही काम कर रहे हैं गरीब लोग गरीबी से जूझ रहे हैं उनकी समस्या को कोई देखने वाला सुनने वाला नहीं है सिर्फ प्रधानमंत्री के द्वारा 8 वर्षों में पूजी पतियों को ही बढ़ावा दिया गया है और उन्हीं का विकास हुआ है उनके गलत नीति के कारण सरकारी बैंकों को निजीकरण किया जा रहा है जिससे पूजी पतियों को बढ़ावा मिलेगा वही गरीब लोग और गरीब होंगे.
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