हमीरपुर (कानपुर ,उत्तर प्रदेश) यमुना नदी में 12 लाशें तैरती मिली ,पुलिस रिपोर्ट में सभी लाशें कोरोना पीड़ितों की थी ,मध्य प्रदेश की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के 13 गांव का एक अखबार ने जायजा लिया। ललितपुर जिले में अचानक लोग सर्दी ,खांसी, जुकाम से मर रहे हैं ।इनमें से किसी लोगों का आरटीपीसीआर,या रैपिड एंटीजन टेस्ट नहीं हुआ ,क्योंकि सारे गांव जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर है।
बिहार के किशनगंज जिले में 8 मई को मेरे परिजन कोरोना से युद्ध हार गए ,उस श्मशान में 6 कोरोना मरीजो का अंतिम संस्कार हो चुका था, लेकिन सरकारी आंकड़े मात्र दो व्यक्तियो कि मौत दिखा रहा है। जबकि हमीरपुर और ललितपुर के मृतकों को सरकारी आंकड़ों में कहीं जगह नहीं मिल सकी। यह तो महज कुछ एक उदाहरण है, जबकि भारत के अधिकतर गांवों और जिलों का यही हाल है ।जहां असल मृतकों का आकडा सरकारी आंकड़ों को बहुत पीछे छोड़ देंगे ।
शहर के शहर वीरान हो जाएंगे, वीराने में हुकूमत तुझे भी रास ना आएगी ,साहेब
ऐसा नहीं है कि सिर्फ आम नागरिक मेडिकल की सुविधा के अभाव में दम तोड़ रहे हैं ,अनेक पार्टियों के नेताओं (जिसका कोरोना से देहांत हुआ )के साथ यूपी बीजेपी अपने चार MLA को खो चुकी हैं ।और वे सभी योगी,… मोदी को मिन्नतें करने के बाद भी अच्छी मेडिकल सुविधा प्राप्त नहीं कर सके ।एक और घटना झकझोरने वाली है ,बीजेपी के MLA अपनी पत्नी संध्या लोधी (कोरोना पीड़ित) को लेकर अस्पतालों के चक्कर काटते रहे, लेकिन किसी ने एडमिट नहीं किया ।
बाद में स्थानीय डीएम ने किसी तरह एक अस्पताल में एक बेड मुहैया कराया।यानी बीजेपी की सरकार केंद्र में हो या राज्य में, कोरोना की दूसरी लहर के सामने घुटने टेक चुकी है। एक बात स्पष्ट हो चुकी है ,कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार हर काम बिना तैयारी करती है ,चाहे नोटबंदी ,जीएसटी हो या कोरोना से दूसरी लहर की तैयारी हो ।खास बात तो यह है,UNO कि चेतावनी के बावजूद जनवरी-फरवरी 2021 में कोरोना से जंग जीतने का जश्न मनाया गया।
हद तो तब हो गई ,जब जुलाई -अगस्त 2020 में दुनिया के सारे विकसित देश vaccine रिसर्च कंपनी में अपनी वैक्सीन बुकिंग, एडवांस पेमेंट देकर कर रहे थे ,भारत ने ऐसा नहीं किया, फिर जनवरी-फरवरी 2021 में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से मोलभाव में 15 दिन निकाल दिया। और वाहवाही लूटने के लिए 6 करोड़ से अधिक डोज अन्य देशों में निर्यात भी कर दिया। जबकि उस वक्त वैक्सीनेशन Drive शुरू हो जानी चाहिए थी ।
चाणक्य ने सही ही कहा है ।
जिस देश का राजा व्यापारी
उस देश की जनता भिखारी।
137 करोड़ आबादी वाले देश की वैक्सीनेशन आज 17 करोड लोगों तक ही पहुंच सकी है आज भी केंद्र सरकार को जनता की फिक्र नहीं है ।सरकार नए संसद भवन के निर्माण कार्य तेजी से करवा रही है ,जो कि 1927 में ही बना है ।जबकि हालैंड की संसद भवन 13 वी सदी में बनी है ।इटली की 16वी सदी मे, फ्रांस की 1645 में ,Britain की 1870 में।
इसलिए राहुल गांधी का कहना है कि ,
जनता को सांस चाहिए ,
लेकिन Saheb को निवास चाहिए ।
ना नौकरी ,ना इंडस्ट्री ,सिर्फ झूठा दिखावा ,सिर्फ राजसी प्रचार- प्रसार ,झूठे वादे और सिर्फ राम नाम …इसी से जनता का.. राम नाम सत्य …हो रहा है ।बंगाल और कोरोना से बिफल लड़ाई के बाद …सेंटर फॉर स्टडी डेवलपिंग स्टडीज.. के डायरेक्टर संजय कुमार के सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री की लोकप्रियता 13% गिर गई है।
बाकी तो आप समझ ही गए होंगे ।
आपकी उसूलों के खिलाफ जनता सारी है।
याद रखिए 2024 आप पर भारी है।
उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार है ।





























