देश /डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को छात्र ,शिक्षक और अभिभावकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परीक्षा पर चर्चा की । उन्होंने परीक्षा को बहुत छोटा सा पड़ाव बताते हुए कहा कि जिंदगी अभी बहुत लंगी है। इस दौरान कई पड़ाव आते रहते हैं। हमें दबाव नहीं बनाना चाहिए, फिर चाहे वह टीचर हो, स्टूडेंट हो, परिवार वाले हों या फिर दोस्त ही क्यों न हों। उन्होंने कहा कि अगर बाहर का दबाव कम हो गया या खत्म हो गया तो एग्जाम का दबाव कभी महसूस नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कई छात्रों के सवाल भी लिए और उसके जवाब दिए।
उन्होंने अपने कार्य करने की शैली भी बताई और तनाव मुक्त होकर कार्य करने हेतु प्रेरित किया । पीएम मोदी ने इस दौरान अपना अनुभव भी साझा किया । उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था, उसके बाद मैं प्रधानमंत्री बना तो मुझे भी बहुत कुछ पढ़ना पढ़ता है। बहुत कुछ सीखना पड़ता है। चीजों को समझना पड़ता है। तो मैं क्या करता हूं कि जो मुश्किल बातें होती हैं, मैं सुबह शुरू करता हूं तो कठिन चीजों से शुरू करना पसंद करता हूं।
मुश्किल से मुश्किल चीजें मेरे अफसर मेरे सामने लेकर आते हैं, उनको मालूम होता है कि मेरा अलग मूड है। मैं चीजों को काफी तेजी से समझ लेता हूं। फैसला करने की दिशा में आगे बढ़ता हूं। मोदी ने आगे कहा कि सुबह होते ही मैं कठिन चीजों से मुकाबला करने निकल जाता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि आपको डर एग्जाम का नहीं है, आपको डर किसी और का है और वह क्या है? आपके आस-पास एक माहौल बना दिया गया है कि यही एग्जाम सब कुछ है, यही जिंदगी है। हम थोड़ा ज्यादा सोचने लग जाते हैं। परीक्षा जीवन को गढ़ने का एक अवसर है, उसे उसी रूप में लेना चाहिए। हमें अपने आप को कसौटी पर कसने के मौके खोजते ही रहना चाहिए, ताकि हम और अच्छा कर सकें। हमें भागना नहीं चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे यहां एग्जाम के लिए एक शब्द है- कसौटी। मतलब खुद को कसना है, ऐसा नहीं है कि एग्जाम आखिरी मौका है। बल्कि एग्जाम तो एक प्रकार से एक लंबी जिंदगी जीने के लिए अपने आप को कसने का उत्तम अवसर है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि खाली समय को सिर्फ खाली नहीं समझना चाहिए। बल्कि यह एक तरीके का खजाना है। खाली समय एक सौभाग्य है, यह एक अवसर है।
उन्होंने कहा आपकी दिनचर्या में खाली समय के पल होने ही चाहिए। यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि खाली समय में किन चीजों से बचना चाहिए, नहीं तो वो ही चीज सारा समय खा जाएंगी। अंत में रिफ्रेश-रिलेक्स होने के बजाए आप तंग हो जाएंगे। थकान महसूस करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग जीवन में बहुत सफल हैं, वे हर विषय में पारंगत नहीं होते।
लेकिन किसी एक विषय पर, किसी एक सब्जेक्ट पर उनकी पकड़ जबरदस्त होती है।मालूम हो कि कोरोना वायरस की वजह से इस साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम वर्चुअल तरीके से रखा गया। पीएम मोदी ने भी कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि यह ‘परीक्षा पे चर्चा’ का पहला वर्चुअल एडिशन है। हम पिछले एक साल से कोरोना के बीच जी रहे हैं और उसके कारण हर किसी को नया इनोवेशन करना पड़ रहा है। मुझे भी आप लोगों से मिलने का मोह इस बार छोड़ एक नए फॉर्मेट में आपके बीच आना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप लोगों से आमने-सामने न मिलना, आपके चेहरे की खुशी को न देख पाना मेरे लिए काफी बड़ा लॉस है।
1 thought on “देश :’परीक्षा पर चर्चा’ के दौरान पीएम मोदी ने दिया छात्रों को सफलता का मंत्र ,कहा में पहले करता हूं मुश्किल काम ..”
Very nice thought
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