देश/डेस्क
भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट कू जो की अचानक ही सुर्खियों में आ चुका है ।यूजर्स की बढ़ती संख्या को संभाल पाने में नाकामियाब साबित हो रहा है ।कू ने ट्विटर को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की है लेकिन यह साइट यूजर्स की जरूरतों को पूरा करने में असफल हो रहा है ।दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद ट्विटर की दोहरी नीति से नाराज़ बड़ी संख्या में यूजर्स कू से जुड़े लेकिन उन्हें काफी परेशानी हो रही है, जिसे सुधारने की कोई पहल इस कंपनी के द्वारा नहीं की जा रही है ।
मालूम हो कि केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद,गिरिराज सिंह ,प्रकाश जावेडकर सहित कई नेता ,अभिनेता ,बुद्धिजीवी से जुड़ चुके है और हर दिन बड़ी संख्या में लोग जुड़ भी रहे है और लोगो से जुड़ने हेतु अपील भी कर रहे है । परन्तु कू में जिस तरह की परेशानी यूजर्स को हो रही है ऐसे में यह विदेशी सोशल साइट्स को कितनी टक्कर दे पाएगा यह विचारणीय प्रश्न है ।
एक यूजर्स ने बताया कि कू को जितनी बार खोलो उतनी बार साइन करना पड़ता है जिससे कि पुराना खाता निष्क्रिय हो जाता है और उसकी शिकायत करने के बावजूद कोई मदद नहीं की जाती । कू यूजर्स को हो रही कठिनाइयों के बाद हमने कू के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है ।






























