बिहार जीविका बैंक के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा में वोटर आधिकार यात्रा के दौरान उनकी मां को गाली दिए जाने को लेकर दुख जताते हुए कहा कि बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ…उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।बिहार में RJD-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं…ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं है…ये देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है।मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है।इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादात में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं।ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।
मैंने हर दिन, हर क्षण अपने देश के लिए पूरी मेहनत से काम किया है।और इसमें मेरी मां की बहुत बड़ी भूमिका रही है।उन्होंने आगे कहा कि मुझे मां भारती की सेवा करनी थी… इसलिए मुझे जन्म देने वाली मेरी मां ने मुझे अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया था। उस मां के ही आशीर्वाद से मैं चल पड़ा था।
इसलिए, मुझे आज इस बात की पीड़ा है कि जिस मां ने मुझे देशसेवा का आशीर्वाद देकर भेजा, खुद से अलग करके मुझे जाने की इजाजत दी।आप सब जानते हैं कि अब मेरी मां का शरीर तो इस दुनिया में नहीं है।कुछ समय पहले 100 साल की उम्र पूरी करके, वो हम सबको छोड़कर चली गई।मेरी उस मां को जिसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, जिसका शरीर भी अब नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरी उस मां को RJD-कांग्रेस के मंच से भद्दी-भद्दी गालियां दी गई।ये बहुत ही दुख, कष्ट और पीड़ा देने वाला है।उस मां का क्या गुनाह है कि उसे भद्दी गालियां सुना दी गई।एक गरीब मां ऐसे ही तपकर अपने बच्चों को शिक्षा-दीक्षा देती है, ऊंचे संस्कार देती है।इसलिए मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर माना जाता है।
बिहार के ही संस्कार हैं और हर बिहारी के मुंह से तो ये बात यूंही निकलती है – माई के स्थान, देवता पीतर से भी ऊपर होला!इन्हें लगता है कि कुर्सी इन्हें ही मिलनी चाहिए।लेकिन, आपने, देश की जनता जनार्दन ने एक गरीब मां के कामदार बेटे को आशीर्वाद देकर प्रधानसेवक बना दिया।ये बात नामदारों को पच नहीं रही है।
एक गरीब मां की तपस्या, उसके बेटे की पीड़ा ये शाही खानदानों में पैदा हुए युवराज नहीं समझ सकते।ये नामदार लोग तो सोने-चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं।
देश और बिहार की सत्ता इन्हें अपने खानदान की विरासत लगती है।कोई पिछड़ा, अति-पिछड़ा आगे बढ़ जाए, ये कांग्रेस को तो कभी बर्दाश्त नहीं हुआ है!इनको लगता है, नामदारों का तो अधिकार है कामदारों को गालियां देना… इसलिए ये गालियों की झड़ी लगा देते हैं।
