साड़ी दुकान की आड़ में चल रहा था सोने का काला कारोबार,पूछताछ में खुल सकते है कई राज 

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किशनगंज /प्रतिनिधि

मारवाड़ी युवा मंच के जिला अध्यक्ष दिनेश पारिक को डीआरआई के द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। सफेद पोश समाजसेवी का मुखौटा पहन कर सोने का काला कारोबार करने की जानकारी जैसे शहर वासियों तक पहुंची सभी लोग तरह तरह की चर्चा करने लगे। 

शुक्रवार दिन भर दिनेश पारिक की गिरफ्तारी को लेकर लोग चौक चौराहे पर चर्चा करते दिखे ।गौरतलब हो की दिनेश पारिक सहित तीन लोगो को गुरुवार को सिलीगुड़ी डीआरआई ने 1 करोड़ 2 लाख रुपए मूल्य के सोने और 82 लाख 50 हजार रुपए नकदी के साथ सिलीगुड़ी जंक्शन इलाके से गिरफ्तार किया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिनेश सहित तीनो लोगो को डीआरआई टीम ने तीन दिनों के लिए रिमांड पर लिया है ।

मालूम हो की दिनेश पारिक अपने बड़े भाई राजू पारिक के साथ  शहर के बिहानी कॉम्प्लेक्स में सुंदरी साड़ी नाम से साड़ी की दुकान चलाता है।लेकिन कम समय में रईस बनने की चाहत ने गोल्ड स्मगलर बना दिया ।

सूत्रों की माने तो साड़ी दुकान की आड़ में इन दोनो भाईयो के द्वारा बीते 15-20 साल से हवाला का कारोबार  किया जाता था ,जिसमे अकूत संपत्ति अर्जित करने के बाद हाल के दिनो मे सोना स्मगलिंग के क्षेत्र में दोनो भाई पांव पसार रहे थे। 

सूत्र बताते है की पारिक भाईयो ने शहर में काले धन की कमाई से कई जमीन के प्लाट खरीद रखे है यही नहीं नाम नही छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया की जिले से बाहर असम के गौहाटी में भी इन लोगो ने सैंकड़ो एकड़ जमीन खरीद रखा है ।वही दिनेश पारिक की गिरफ्तारी के बाद मारवाड़ी युवा मंच के सदस्य भी आक्रोशित है की एक सामाजिक संगठन से जुड़ा व्यक्ति कैसे संगठन की आड़ में सोना के काले कारोबार में जुड़ा हुआ था ।

मारवाड़ी युवा मंच के सचिव ऋषि अग्रवाल ने बताया की इनके काले कारनामों की हम सभी को कोई जानकारी नहीं थी,वही एक समाज के एक वरिष्ठ व्यक्ति ने कहा की तुरंत उसे पद से हटाना चाहिए क्योंकि युवा मंच के नाम को उसने धूमिल किया है। न्यूज लेमनचूस ने दिनेश पारीक के परिजनों से भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन आवास में परिजन नहीं मिले। सूत्र बताते है की दिनेश के  गिरफ्तारी की खबर के बाद परिजन बाहर चले गए है ।वही साड़ी की दुकान भी बंद मिली ।

डीआरआई टीम के भी किशनगंज आगमन के कयास लगाए जा रहे है। डीआरआई टीम द्वारा पूछताछ में बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है ।वही यदि आर्थिक अपराध इकाई अगर बारीकी से मामले की जांच करे तो और भी बहुत कुछ सामने आ सकता है ।

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