फारबिसगंज /बिपुल विश्वास
नगद राशि से बाइक की खरीददारी के बावजूद फाइनेंस कर राशि के उठाव का फर्जीवाड़ा का आरोप लगाने वाले मो.शमीम अख्तर ने हीरो फिनकार्प से लोन लेकर गाड़ी की खरीददारी की थी और बकाया 30 क़िस्त में से 12 क़िस्त जमा भी स्वयं कराया और जब अन्य क़िस्त नहीं दिया गया तो फाइनेंस कंपनी ने उनकी गाड़ी का उठाव कर लिया तो मनगढ़ंत आरोप लगाकर नगर थाना अररिया में केस दर्ज कराया।
उक्त बातें हीरो फिनकार्प के क्लस्टर मैनेजर संदीपन राय ,केटीएम बब्बन कुमार सिंह और जे.एम. मोटर्स के प्रोपराइटर अमित कुमार शर्मा ने कही।उन्होंने बकायदा आरोप लगाने वाले मो.शमीम अख्तर के हस्ताक्षरित प्रोपोजल एक्सेप्टेंस सहित अन्य सारे दस्तावेज भी उपलब्ध कराया।उन्होंने कहा कि हिंरी फिनकॉर्प लिमिटेड एक प्रतिष्ठित नन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है।जिसको भारत सरकार के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त है और पुरे भारत वर्ष में एनबीएफसी के रूप में कार्य करनेका लइसेंस मिला है।
हीरो फिनकॉर्प नए मोटरसाइकिल और पुराने चार पहिया वाहनों की फाइनेंस करती है। हमारी सारी प्रक्रिया स्वच्छ है और कोई भी ग्राहक के कागजात सीआइबीआईएल इत्यादि जाँच करने के बाद उसका लोन किया जाता है और मनी रिसीप्ट के आधार पर डीलर के बैंक खाता में लोन की राशि दी जाती है। लोन से पहले ग्राहक लोन एग्रीमेंट,आरटीओ ,कागजात आदि पर हस्ताक्षर करते है। जहाँ तक मो. शमीम अख्तर के आरोपो का सवाल है। जिसमे ग्राहकों द्वारा आरोप लगाया गया है कि गाडी का पूरा दाम देकर लिया गया है यह आरोप बिल्कुल गलत है।
क्योंकि शमीम अख्तर के गाडी का लोन 30 महीने का हुआ है और वो खुद 12 ईएमआई भी चुकाया। ग्राहक आवेदन देकर प्रपोजल एक्सेप्टेन्स के बाद लोन लिया है और उसके लोन से सम्बंधित सारे दस्तावेज कंपनी के पास है, जो कि मांगे जाने पर अथॉरिटी के सामने उपलब्ध कराये जाने का दावा किया गया।बताया गया कि अभी हाल के दिनों में ये देखा जा रहा है कि जब डिफॉल्टर लोगो के एग्रीमेंट के हिसाब से गाड़ी पकड़ी जाती है तब ये सारे लोग समूह बनाकर कंपनी के ऊपर तरह-तरह का आरोप लगते है।
इसमें जे एम मोटर्स कही भी संलिप्त नहीं है ,फिर क्यों उनके छवि को धूमिल किया जा रहा। यह उन डिफॉल्टरों की साजिश है।उल्लेखनीय है कि नगद बाइक की खरीद करने के बाद इसी बाइक पर फाइनेंस कर राशि हड़प कर धोखाधड़ी करने का आरोप मो.शमीम अख्तर ने एजेंसी और फाइनेंस करने वाले कर्मियों पर लगाते हुए नगर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि बाइक तो नगद खरीदी गई, लेकिन एजेंसी और स्थानीय फाइनेंसकर्मियों ने मिल कर उस पर फाइनेंस करा कर राशि गबन कर ली।