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किशनगंज :टेढ़ागाछ के किसानों को सरकारी दरों पर नहीं मिल रहा यूरिया,किसान परेशान

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किशनगंज /विजय कुमार साह

टेढ़ागाछ के किसानों को धान में डालने के लिए सरकारी दरों पर युरिया नहीं मिल रहा है। यूरिया की कालाबाजारी से किसान परेशान परेशान हैं। जिस प्रकार इस बार समय पर अच्छी बारिश हो रही है।उसी प्रकार अगर विभाग समय पर सरकारी दरों पर किसानों को यूरिया की बोरी उपलब्ध करा देती है, तो धान की पैदावार इस बार अच्छी होने की पुरी उम्मीद हैं ।उक्त कथन टेढ़ागाछ के किसानों का है।किसानों का कहना है कि विभाग की उदासीनता के कारण किसानों को 266 रुपए का यूरिया अब बजार से 500 रुपया में खरीदना पड़ता है।टेढ़ागाछ में इस वक्त यूरिया की भारी किल्लत है।इसके वजह से किसान पुरा का पुरा दिन बर्बाद कर यूरिया आसपास के दुसरे इलाकों से उँचे दामों पर खरीदारी कर अपने अपने खेतों में डालने को मजबूर हैं।






टेढ़ागाछ उर्वरक विक्रेता यह कहकर किसानों को घूमा देतें हैं कि इस वक्त मेरे पास यूरिया उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि किसान औने पौने दामों पर जैसे तैसे इधर उधर से रुपया कर्ज लेकर यूरिया की खरीदारी करने को लचार हैं। क्षेत्र के अनुभवी किसानों की मानें तो अगर अभी खेतों में यूरिया समय पर नहीं डाला गया तो फसल खराब होने का डर उन्हें सता रहा है, और धान का उत्पादन बिल्कुल हीं कम होगा, जिसके वजह से किसानों को घर से घाटा उठाना पड़ सकता है।किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अकमल शमसी ने बताया कि इस वक्त किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।






अन्नदाता किसान जो सबका पेट भरता है आज वही किसान यूरिया के किल्लत से जूझ रहा है।आज किसान अपने घर का जमा पूँजी धान के खेतों में धर आया है।अगर इसे समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं कराया गया तो किसान तबाह और बर्बाद हो जाएगा। इसलिए हम सभी किसान भाईयों की सरकार और संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग है की यूरिया को बोरी सरकारी मूल्यों पर सभी उर्वरक विक्रेता के दुकनों पर उपलब्ध कराया जाय। साथ में यह भी सुनिश्चित किया जाय की उर्वरक विक्रेता किसानों का किसी भी प्रकार दोहन भविष्य में नहीं करें।कारण टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र का मुख्य फसल धान है। जिस पर उनका जीवन यापन निर्भर करता है। अगर फ़सल का किसी भी प्रकार का नुकसान हुआ तो किसान मुसीबत में आ जाएंगे। इस मौके पर किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अकमल शमसी ,नौसाद अहमद, शाहजाद आलम, फरमुद्दीन,साजिद आलम,नजीरुद्दीन, उमरफारुक,तौकिर आलम, दानिश आलम, दुख्खू आदि सहित दर्जनों लोग धान के खेतों में इकट्ठा होकर अपना विरोध दर्ज कराया, ताकि सरकार और प्रशासन तक किसी प्रकार से किसानों का फरियाद पहुंच सके, और अति शीघ्र किसानों समस्या का विभाग निदान निकालें, ताकि अन्नदाता किसान को बर्बाद होने से, समय रहते बचाया जा सके ।






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