बिटकॉइन के तूफान में डूबे निवेशक ,निवेशकों की बढ़ गयी है उलझन

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क्या बिटकॉइन का बुलबुला अब फूट चुका है ?

दुनिया भर के निवेशकों के अरबो रुपयों डूबने के आसार ?

न्यूज़ लेमनचूस ने पहले भी अपने पाठकों को किया था इस जोखिम से सावधान।

सुशील दुबे

क्रिप्टो करेंसी, कंप्यूटर और डिजिटल दुनिया की एक ब्लॉकचैन तकनीक, जिसने हाल ही में दुनियाभर के निवेशकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया।

इसमें किये गए निवेश कुछ ही समय मे निवेशकों को हजार गुना मुनाफे दे रहे थे।

ऐसे ही कम समय मे पैसे दुगने वाले स्कीम को देख कई लोग अपनी जमा पूँजी इसमें निवेश करने लग गए थे।

निवेशकों की माने तो अप्रैल माह के मध्य तक बाजार की स्थिति ऐसी बन गयी थी कि कइयों ने बहुत ही अच्छे लाभ कमाए।

इसी क्रम में सबसे बड़ा उदाहरण पेश किया था , विश्व की नामी गिरामी कम्पनी “टेस्ला” के सीईओ ‘एलोन मस्क’ ने।

एलोन मस्क दुनियाभर में उन्नत तकनीकी विकास और भविष्य की सोच रखनेवाले लोगों में गिने जाते हैं।

और ऐसे में जब बिटकॉइन अच्छा प्रदर्शन कर रही थी तो एलोन मस्क ने भी इसमें निवेश कर डाला।

सबसे दिलचस्प बात तो यह देखी गयी कि एक क्रिप्टो कॉइन जिसका नाम “डोज कॉइन” है इसका निर्माण बस मजाक ही मजाक में कर दिया गया था, इसके सहयोग मे एलोन मस्क ने कई ट्वीट कर दिए, जिसके परिणामस्वरूप इसके कीमतों में कई गुना उछाल आई।






सबसे बड़ा उदाहरण यह समझे पाठक की, जनवरी 2021 में डोज कॉइन में यदि किसी निवेशक ने मात्र 10 हजार रुपये का निवेश किया था तो उसकी कीमत मई 2021 में बढ़कर 11.50 लाख की हो गयी थी।

जी हाँ !! आपने सही पढ़ा है दस हजार रुपये के निवेश की कीमत मात्र 5 महीनों में ही साढ़े ग्यारह लाख रुपये हो गई थी।

तो मामला ऐसा रहा कि दुनिया भर के लोगो की नजर में यह लाभ कमाने का सबसे तेज़ ज़रिया बन गया और लोग बैंक में पैसे रखने के बजाय क्रिप्टो में निवेश करने लगें।

क्रिप्टो बाजार बहुत ही अच्छा लाभ दे रही थी, तभी अचानक एलोन मस्क ने बिटकॉइन माइनिंग को पर्यावरण संरक्षण के विरुद्ध ख़तरा बताया, क्योंकि माइनिंग में होने वाले बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन दर पर्यावरण के लिए चिंताजनक है।

एलोन मस्क ने जैसे ही यह बातें कहीं, विश्व के क्रिप्टो बाजार में में अफरा तफ़री मच गई।

रही सही कसर चीन ने एक खबर फैलाकर कर दी कि चीनी बैंक क्रिप्टो को सपोर्ट नही करेंगी, और सरकार इन्हें बैन भी करने वाली है।

इनसब खबरों ने वैश्विक बाजार में उथल पुथल मचा दिया और फिर जो बिटकॉइन 62000 $(करीब 45 लाख रुपये) के उच्चतम स्तर पर पहुँच चुका था वह गिरने लगा, और इस वर्ष के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुँच गया, और अभी भी यह गिरावट जारी है जिसका अंदाज अब निवेशक नही लगा पा रहे हैं।

भारतीय मूल्य में देखा जाए तो बिटकॉइन अभी 20 लाख के मूल्य पर ट्रेड कर रहा है।

इसमें आयी गिरावट का अंदाज़ा आप इससे ही लगा सकते हैं।

क्रिप्टो बाजार में आई आँधी ने बिटकॉइन सरीखे अन्य कॉइन्स पर भी बहुत बुरा असर डाला है।

अन्य कॉइन्स जिन्हें ऑल्ट कॉइन (Alt Coin) यानी कि अल्टरनेटिव कॉइन भी कहा जाता है, इनके भी मूल्यों में भी आई गिरावट ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचा दिया है।






भारतीय निवेशकों की स्थिति पर एक नजर

चूंकि भारत की सरकार ने अब तक कोई भी आवश्यक गाइडलाइन्स इस संदर्भ में जारी नही किया है और न ही उन एक्सचेंजेस को लेकर कुछ अपना रुख साफ किया है।

परंतु भारतीय निवेशकों के साथ समस्या यह उत्त्पन्न हो रही है कि आरबीआई ने सभी बैंकों को चुपके से निर्देश जारी किया है कि वे इन क्रिप्टो एक्सचेंजेस को कोई भी बैंकिंग सहायता न प्रदान करें।

जिसके परिणामस्वरूप भारत मे कार्य कर रहे एक्सचेंजेस अब परेशान हैं कि जाए तो जाए कहाँ, क्योंकि इससे पहले वर्ष 2020 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्रिप्टो नियामक सम्बंधित आवश्यक नियम कानून बनाने के लिए प्रारूप तैयार करने को निर्देश दिये थे,परन्तु सरकारी रवैया अभी भी ढुल मूल बना हुआ है।

वही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इससे सम्बंधित पेज और वीडियो प्लेटफार्म पर निवेशकों में इस बात का क्रोध दिखाई दे रहा है कि सरकार 2017 से अब तक अपना रुख साफ नही कर पाई है और उन्हें ट्रेडिंग करने से रोक दिया जा रहा है।

चूंकि बैंकों से मिलने वाले आवश्यक सुविधाओं पर रोक लग गयी है तो इस कारण भारतीय बाजार में भी गिरावट आती जा रही है और निवेशक परेशान हो कर विकल्प ढूंढ रहे हैं।

ऐसे परिस्थिति में जहाँ कोरोना की मार ने लोगो को परेशान कर रखा है और इस स्थिति में निवेशकों के अधिकार कौन सुनिश्चित करेगा यह एक बड़ा प्रश्न है।

न्यूज़ लेमनचूस अपने पाठकों से आग्रह करता है कि ऐसे किसी भी त्वरित लाभ देने वाले निवेश जो अत्यंत जोखिमपूर्ण है इनके विषय में में स्वयं से अनुसंधान कर लाभ नुकसान को सुनिश्चित करने के बाद ही निवेश की सोचें।






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