- चयनित टीकाकरण सत्र स्थलों का सत्यापन प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स करेगी
- को-विन ऐप के जरिये कोविड-19 के वैक्सीन का प्रबंधन एवं निगरानी की जाएगी
- प्रथम चरण में किशनगंज जिले के लगभग 8 हजार 600 लोगों को टीकाकृत किये जाने का लक्ष्य
किशनगंज /प्रतिनिधि
वैश्विक महामारी कोरोना के नियंत्रण लिए कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम की तैयारी एवं इसके सफल संचालन के लिए सरकार द्वारा लगातार दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं। जिले में टीकाकरण को लेकर विभिन्न स्तरों पर तैयारियों का दौर अपने अंतिम चरण में है| प्रथम चरण में जिले के लगभग 8 हजार 600 लोगों को टीकाकृत किये जाने का लक्ष्य है| इसमें सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कर्मियों के साथ-साथ आईसीडीएस कर्मियों को शामिल किया गया है| प्रथम चरण में टीकाकरण कार्य की सफलता के लिये राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार द्वारा पत्र के माध्यम से सभी जिले जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को जरूरी दिशा- निर्देश दिये गये हैं|
सत्र स्थल का चयन चुनाव बूथ के आधार पर किया जाना है –
सिविल सर्जन डॉ श्रीनन्दन ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए सत्र स्थल का चयन चुनाव बूथ के आधार पर किया जाना है| टीकाकरण के लिये वैसे स्थल चयनित किये जायेंगे जहां कम से कम तीन कमरे हों| इसमें एक कमरा में टीका लगाने के लिये सत्र स्थल पर पहुंचने वाले लोगों के प्रतिक्षालय के रूप में विकसित किया जायेगा| दूसरे कमरे में टीकाकरण का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा| वहीं तीसरे कमरे में टीकाकरण के पश्चात लोगों को आधे घंटे तक चिकित्सकों की सघन निगरानी में रखे जाने का इंतजाम होगा। इसके लिए ज्यादातर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों का चयन प्रथम चरण के टीकाकरण के लिए किया गया है।सिविल सर्जन ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त दिशा- निर्देश के शत- प्रतिशत अनुपालन को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से जरूरी प्रयास कर रहा है| सिविल सर्जन ने बताया कि वैक्सीन के रख-रखाव से लेकर, टीकाकरण सत्र स्थल के निर्धारण, टीकाकरण के लिये कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण व टीकाकरण की संपूर्ण प्रक्रिया का अनुश्रवण, इसकी समीक्षा व रिपोर्टिंग के लिए जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं|
- जिले में सभी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर किया जायेगा टीकाकरण सत्र , टीकाकरण के दिन विधि व्यवस्था व भीड़ नियंत्रण का होगा विशेष इंतजाम –
सिविल सर्जन डॉ श्रीनन्दन ने बताया कि प्रथम चरण के टीकाकरण के लिए कुल 9 स्थानों में जिले के सभी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों , सदर अस्पताल , तथा माता गुजरी मेडिकल कॉलेज का चयन किया गया है| इन सारा स्थलों पर प्रथम चरण के सभी लाभार्थियों का टीकाकरण किया जाना है| राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा निर्देश जारी कर कहा गया है कि चयनित सभी सत्र स्थलों का टीकाकरण के पूर्व सत्यापन कराया जाय | सत्र स्थलों के भौतिक सत्यापन का कार्य प्रखंड स्तर पर गठित टास्क फोर्स के पर्यवेक्षण में कराया जायेगा | इस आशय का पत्र एवं दिशा-निर्देश भी राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक द्वारा जिले को प्राप्त है | सत्र स्थल पर शीत श्रृंखला की समुचित व्यवस्था के साथ साथ, आधारभूत संरचना, इन्टरनेट कनेक्टिविटी का सत्यापन किया जायेगा | टीकाकरण स्थल पर भीड़ को नियंत्रण करने व चिह्नित स्थलों पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम सुनिश्चित किये जाएँगे|. लाभार्थियों के सत्यापन के बाद ही उन्हें टीका लगाया जायेगा| जिले में कोविड-19 टीकाकरण के कार्य में सहयोग देने वाली सहयोग संस्थाएं यूएनडीपी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, केयर इण्डिया, पाथ एवं सीफॉर आदि का सहयोग लिया जा रहा है| - को-विन ऐप के जरिये कोविड-19 के वैक्सीन के प्रबंधन एवं निगरानी की जाएगी :
जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ रफत हुसैन ने बताया कि वैक्सीन कोल्ड चेन प्वाइंट पर वैक्सीन के स्टाक की मात्रा एवं भंडारण फ्रिजरियल टाइम तापमान की ऑनलाइन निगरानी ‘को-विन’ (विन ओवर कोविड) प्रोग्राम के अंतर्गत मोबाइल ऐप एवं बेब पोर्टल से की जाएगी। वैक्सीन के भंडारण के लिए कुल 09 आई एल आर की व्यवस्था की गयी। इसके लिए जिले में प्रत्येक कोल्ड चेन पर रखे आईएलआर में टेंपरेचर लागर नाम की एक सेंसर युक्त डिवाइस स्थापित है। यह डिवाइस नेट के माध्यम से वेब पोर्टल से जुड़ी रहेगी। यह पोर्टल पूरी तरह से कोरोना वैक्सीन के प्रबंध पर कार्य करेगा। को-विन पोर्टल से वैक्सीन और लॉजिस्टिक, सत्र स्थल, वैक्सीनेटर और लाभार्थी की सूचना मिलेगी। ‘को-विन’ पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर्ड लाभार्थी को वैक्सीनेशन की सूचना उनके मोबाइल पर मैसेज के जरिए प्राप्त होगी। उसमें स्थान, समय, दिनांक, सत्र स्थल और कौन वैक्सीनेटर है, इसकी जानकारी रहेगी ।
कोरोना वैक्सीन आने तक इन उपायों का करते रहें इस्तमाल –
- व्यक्तिगत स्वच्छता और 2 गज की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
- साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने की आदत डालें या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
- छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें .
- उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
- घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
- बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 2 गज की दूरी बनाए रखें.
- आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
- मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें