सीमावर्ती रेलवे स्टेशन गलगलिया पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव को मिली मंजूरी, क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर

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पूर्व मुखिया गणेश प्रसाद राय ने कहा लंबे समय से हमारी मांग आज हुई पूरी, क्षेत्र वासियों में खुशी की लहर

गलगलिया/दिलशाद

वर्षों के इंतजार के बाद अब सीमावर्ती रेलवे स्टेशन गलगलिया पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव का सपना पूरा होने जा रहा है। रेलवे बोर्ड द्वारा सीमावर्ती रेलवे स्टेशन गलगलिया पर 5 मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की
अनुमति दी गई है।

जिसको लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में हर्षोल्लास का माहौल है। लोग खुशी से झूम उठे है। गलगलिया स्टेशन पर महानंदा, कैपिटल, कंचनकन्या एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों की ठहराव की मंजूरी मिल जाने से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी का माहौल है। जिसको लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के भातगांव के पूर्व मुखिया गणेश प्रसाद राय, पूर्व मुखिया बुधन पासवान कई जनप्रतिनिधियों सहित जनता ने खुशी जताई है।

बिहार के अंतिम छोर पर स्थित गलगलिया रेलवे स्टेशन सामरिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। गलगलिया रेलवे स्टेशन से अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल की दूरी मजह एक किलोमीटर की दूरी पर है। तो वहीं गलगलिया रेलवे स्टेशन से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की दूरी कुछ सौ मीटर पर है। गलगलिया रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन सैंकड़ों लोग पड़ोसी देश नेपाल तथा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से ट्रेन की यात्रा करने आते है और दूर दराज का सफर तय करते है।

एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मंजूरी मिलने पर सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए यह किसी त्यौहार से कम नहीं है। महानंदा, कैपिटल, कंचनकन्या एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेन का ठहराव अब गलगलिया रेलवे स्टेशन पर भी होने जा रहा है। ट्रेनों के ठहराव को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित गणमान्यों ने रेलवे विभाग को कई बार लिखित रूप से इन ट्रेनों की ठहराव की मांग की थी।

ठहराव प्रायोगिक रूप से स्वीकृत हुआ है स्थानीय जनता इस सुविधा की मांग लंबे समय से कर रहे थे। इस फैसले से हज़ारों यात्रियों को राहत मिलेगी जो पहले बड़े स्टेशनों तक जाने के लिए घंटों का सफर तय करते थे।

इन ट्रेनों के ठहराव से अब किशनगंज, कटिहार, बरौनी, पटना, कलकत्ता, दिल्ली जैसे गंतव्य स्थानों के लिए प्रतिदिन आवागमन और आसान हो जाएगा। ट्रेनों के ठहराव से क्षेत्रीय विकास भी बढ़ेगी इन प्रायोगिक ठहरावों से गलगलिया के कई इलाके अब सीधे देश के बड़े शहरों से जुड़ जाएंगे।

यह न सिर्फ स्थानीय यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा बल्कि पर्यटन, व्यापार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देगा। वहीँ इस संदर्भ में पूर्व मुखिया गणेश प्रसाद राय ने बताया कि सांसद मोहम्मद जावेद आजाद को कई बार लिखित आवेदन डीआरएम के नाम दिया गया था और लंबे समय से हमारी मांग थी कि गलगलिया एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित रेलवे स्टेशन है यहां पर लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव किया जाए आज हमारी मांगे पूरी हुई है।

वहीँ उन्होंने कहा है कि लंबे समय की मांग पूरी होने से पंचायत वाशियो सहित क्षेत्र के सभी लोगों को इसका फायदा मिलेगा खासकर नेपाल से आए हुए यात्री को दिल्ली पंजाब कोलकाता पटना आदि जगह जाने के लिए गलगलिया से ट्रेन मिलेगी जो हमारे पंचायत के लिए गर्व की बात है।

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