जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन,योजनाओं की दी गई जानकारी

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किशनगंज/पोठिया/किशनगंज

मत्स्यिकी महाविद्यालय अर्राबाड़ी किशनगंज पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के तहत अनुसूचित जाति उप योजना के तहत गुरुवार को एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम हलामाला मोतिहारा पंचायत सरकार भवन में हुआ।
कार्यक्रम अधिष्ठाता डॉ.वी.पी. सैनी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।


जिसमे 200 से अधिक अनुसूचित जाति के युवा, किसान और महिलाएं शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिकों ने मछली प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर सीधी और उपयोगी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सही तकनीक से खराब होने वाली मछलियों का नुकसान रुकता है और किसानों की आय बढ़ती है।


महाविद्यालय टीम ने बताया कि मछली प्रसंस्करण के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अर्राबाड़ी स्थित महाविद्यालय में दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निशुल्क होगा और प्रशिक्षण के बाद सभी प्रतिभागियों को किट दी जाएगी ताकि वे काम की शुरुआत तुरंत कर सकें। इस दौरान डॉ. पूजा सकलानी ने कहा कि गुणवत्ता बनाए रखने के लिए साफ सफाई, तापमान नियंत्रण और पैकेजिंग जरूरी है। उन्होंने कहा कि इन तरीकों से मछली का बाजार मूल्य बढ़ता है।


डॉ. प्रमानन्द प्रभाकर ने कहा कि युवा, किसान और महिलाएं छोटे स्तर पर भी प्रसंस्करण यूनिट शुरू कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाएं तकनीक और उपकरण उपलब्ध कराती हैं और इस मौके का उपयोग करना चाहिए।
डॉ. मोहम्मद अमन हसन ने कहा कि प्रसंस्कृत मछली की मांग तेजी से बढ़ रही है और यह किसानों को सीधी आय देता है।

उन्होंने सुरक्षित पैकेजिंग और कोल्ड चेन को महत्वपूर्ण बताया।
रविशंकर कुमार ने कहा कि ग्रामीणों को प्रसंस्करण तकनीक सीखने के बाद बाजार में बेहतर दाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण किट मिलने से लोगों को शुरुआत करने में आसानी होगी।वैज्ञानिकों ने प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों के सवालों का जवाब दिया और सभी को प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।


कार्यक्रम में पंचायत समिति सदस्य प्रदीप कुमार ठाकुर, विकास मित्र सहित सैकड़ों ग्रामीण और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे सभी ने कुलपति महोदय के प्रति आभार व्यक्त किया।

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