किशनगंज /सागर चन्द्रा
लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। विभाग के निर्देश पर सोमवार को सदर अस्पताल में कोरोना से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। लेकिन मॉकड्रिल ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के बड़े बड़े दावों की पोल खोलकर रख दी। हालांकि मॉक ड्रिल के लिए सोमवार सुबह से ही तैयारियां की जा रही थी। सिविल सर्जन की मौजूदगी में सारी तैयारियों को अमलीजामा पहनाया गया।
बकायदा एक ऐंबुलेंस चालक को कोरोना मरीज बनाकर उसे ऐंबुलेंस से सदर अस्पताल लाया गया। इस दौरान कोरोना नियमों का पालन करते हुए सभी विभागीय कर्मियों ने मास्क लगा रखा था। वार्ड बॉय की भूमिका निभा रहे ऐंबुलेंस चालक व वार्ड अटेंडेंट ने पीपीई कीट पहन रखा था। आननफानन में मरीज को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।
जहां डयूटी पर तैनात चिकित्सक बिना ग्लब्स पहने ही मरीज की जांच में जुट गए। लेकिन आला गायब रहने पर आननफानन में ऐंबुलेंस से आला मंगाया गया। लेकिन हद तो तब हो गई जब वेंटिलेटर ने काम करना ही बंद कर दिया। वेंटिलेटर में ऑक्सीजन मास्क भी नदारद था।
एकबार फिर से ऐंबुलेंस से ऑक्सीजन मास्क मंगाकर छद्म मरीज को लगाया गया। लेकिन मास्क का आकार छोटा रहने के कारण वह फिट भी नहीं हो सका। मौके पर उपस्थित सिविल सर्जन डा.कौशल किशोर से जब अधूरी तैयारी के संबंध में पूछा गया तो वे सभी तैयारियां पूरी होने का दावा करते हुए आस्ते से खिसक लिये।





























